मध्यप्रदेश में मिशन 2023 की तैयारियां शुरू हो गई है। बीजेपी और कांग्रेस सभी वर्गों को साधने में लग गई है।
यूपी के तर्ज पर एमपी में भी जातिगत वर्ग को साधने के लिए दोनों ही पार्टियां शुरू हो गई है। इस पर एमपी में रविदास जयंती राजनीति पर सियासत शुरू हो गई है।
बीजेपी कांग्रेस दोनों ही दल रविदास जयंती पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। बीजेपी जहां बड़े स्तर पर रविदास जयंती मनाने की तैयारी में है। वहीं कांग्रेस भी सागर में रविदास जयंती मनाएगी।
कांग्रेस के आयोजन पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार कर कहा कि हम भगवान रविदास की जयंती पहले से मनाते आए हैं। कांग्रेस को बड़ी देर से याद आई है।
उन्होंने कहा कि महापुरुषों के प्रति आने वाली पीढ़ी प्रेरणा ले सके इसके लिए हम लगातार काम करते आए है।
कांग्रेस बीजेपी की हमेशा ही कापी करती है। यह कांग्रेस का राजनीतिक और चुनावी एजेंडा है।उन्होंने कहा कि कमलनाथ को आयोजन करना ही था, तब क्यों नहीं किया जब वह 15 महीने सरकार में थे।
बता दें कि प्रदेश में पहली बार ग्राम पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर रविदास जयंती के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बीजेपी कार्यक्रम के जरिए दलितों को साधने की कोशिश कर रही है।
वहीं संत रविदास की जयंती को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं।
दरअसल 15 फरवरी को कांग्रेस ने कमलनाथ के लिए कल आभार सम्मेलन का आयोजन किया है। पिछड़ा वर्ग के संगठनों के साथ यह कार्यक्रम होगा। जहां ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने पर पीसीसी चीफ कमलनाथ का आभार व्यक्त किया जाएगा।
वहीं कांग्रेस नेता अजय सिंह यादव ने बीजेपी पर निशाना साधकर बताया कि मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का हक और अधिकार कांग्रेस सरकार ने दिया है। बीजेपी पिछड़े वर्गो के साथ धोखा कर रही थी।
और इसलिए मध्यप्रदेश के विभिन्न पिछड़ा वर्ग संगठनों ने 15 फरवरी को भोपाल में बड़ा आयोजन रखा है।
इसमें कमलनाथ के प्रति प्रति आभार और धन्यवाद ज्ञापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश का पिछड़ा वर्ग दृढ़ संकल्पित है कि 2023 में कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनानी है।