MP Rera News – रेरा में गत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक हुआ पंजीयन

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भोपाल। रेरा में नियमों को स्‍पष्‍ट एवं सुसंगत बनाने से संप्रवर्तकों का विश्वास बढ़ा है। अब बड़े शहरों के साथ ही परियोजना पंजीयन के लिए डिण्‍डौरी, झाबुआ, कटनी, अलीराजपुर, राजगढ़, बैतूल एवं शाजापुर जैसे छोटे नगरों के भी आवेदन-पत्र प्राप्‍त हो रहे हैं। इसी का परिणाम है कि रेरा के परियोजना पंजीयन कार्य में इस वर्ष विगत वर्ष की तुलना में आशातीत वृद्धि हुई है। वर्ष 2020-2021 में पंजीकृत परियोजनाओं की संख्या 232 थी, जबकि इस वर्ष अभी तक 352 परियोजनाओं का पंजीयन किया जा चुका है। यह विगत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक है। यह इसलिए भी उल्लेखनीय है कि वित्‍तीय वर्ष 2021-2022 में कोरोना की दूसरी एवं तीसरी लहर के कारण भी कार्यालयीन कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव रहा है।
सचिव भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) नीरज दुबे ने बताया है कि रेरा अधिनियम प्रभावशील होने के समय पूर्व से चल रही परियोजनाओं में संक्षिप्त परीक्षण के बाद लगभग 1706 पंजीयन हुए थे। बाद के लगभग चार वर्षों में लगभग 1116 और कुल 2822 परियोजनाएँ पंजीकृत हुई हैं। चार वर्ष के नवीन परियोजना पंजीयन का औसत लगभग 279 है, जबकि अकेले पांचवें वर्ष में पंजीयन की संख्या बढ़कर 352 हो गई है।
परियोजना पंजीयन के लिए प्राप्त होने वाले आवेदन-पत्रों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पहले इसका औसत लगभग 35-40 प्रतिमाह होता था, जबकि अब 70 का औसत प्रतिमाह आ रहा है।
वर्ष 2021-22 के अप्रैल में 25, मई 8, जून 35, जुलाई 37, अगस्त 52, अक्टूबर 64, नवम्‍बर 65, दिसम्बर 62, जनवरी 2022 में 60 एवं फरवरी में 50 आवेदन-पत्र प्राप्‍त हुए हैं। विगत वर्षों में सिर्फ फरवरी 2021 में सर्वाधिक 55 आवेदन-पत्र प्राप्त हुए थे।
– 42 कॉलोनाइजर्स को नोटिस
प्राधिकरण ने अधिनियम के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लगभग 42 प्रकरणों में कॉलोनी विकासकर्ता को नोटिस जारी किये हैं और अर्थदण्‍ड भी अधिरोपित किए हैं। उल्लेखनीय है कि आवंटितियों के पक्ष में पारित किए गए आदेशों का पालन न करने पर इस प्रकार की कार्यवाही की गई है। एक परियोजना का पंजीकरण भी निरस्त किया गया है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।