MP News – 1
मध्यप्रदेश के लिये 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत, प्रथम किश्त में मिले 64.96 करोड़ रूपये
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि केन्द्र शासन द्वारा प्रदेश में 4 करोड़ 6 लाख पशुधन के मान से 406 चलित पशु चिकित्सा इकाई स्वीकृत की गई हैं। केन्द्रीय पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण एवं योजना में वर्ष 2021-22 में भारत सरकार द्वारा चलित पशु चिकित्सा इकाई का नवीन घटक शामिल किया गया है। योजना में प्रति एक लाख पशुधन पर एक चलित पशु चिकित्सा इकाई संचालित की जाएगी।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि चलित पशु चिकित्सा इकाई का वाहन पूर्णत: आधुनिक उपकरणों और स्टाफ से सुसज्जित रहेगा। वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पैरावेट और एक वाहन चालक सह-सहायक रहेगा। इसके अलावा वाहन में पशु चिकित्सा, लघु शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग अन्वेषण से संबंधित आवश्यक उपकरण स्थापित रहेंगे। प्रचार-प्रसार के लिये प्रोजेक्टर, स्पीकर आदि भी लगाया जाएगा।
वाहन में उपलब्ध आवश्यक मानव संसाधन, औषधि, वाहन के लिये पीओएल एवं रख-रखाव आदि के लिये प्रतिवर्ष 18 लाख 72 हजार रूपये प्रति चलित पशु चिकित्सा इकाई का प्रावधान किया गया है। इसमें 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश रहेगा। वाहन, वाहन की साज-सज्जा, पशु चिकित्सा के लिये आवश्यक उपकरण, प्रचार-प्रसार उपकरण और फेब्रीकेशन के लिये भी 16 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। यह राशि 100 प्रतिशत केन्द्रांश आधारित है।
चलित पशु चिकित्सा इकाई के लिये कॉल सेंटर की भी स्थापना की जायेगी। कॉल सेंटर में कॉल ऑपरेटर एवं पशु चिकित्सक की नियुक्ति की जायेगी। सेंटर के लिये भी 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश राशि का प्रावधान किया गया है।
MP News – 2
2023 के चुनाव में पुराने वादों के साथ नयी तैयारी में कांग्रेस मैदान में उतरेगी
भोपाल। 2023 के लिए चुनाव मैदान में उतर रही कांग्रेस ने मेनिफेस्टो के लिए मंथन शुरू कर दिया है। कमेटी बन चुकी है उसने विचार विमर्श शुरू कर दिया है। 2023 के वचन पत्र में अधूरे रह गए पुराने मुद्दों के साथ नये वचन शामिल किए जाएंगे। इसमें किसान कर्ज माफी से लेकर नये मुद्दों पर फोकस रहेगा।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने 2023 के लिए मेनिफेस्टो कमेटी बना दी है। इस कमेटी ने अब प्रदेश से जुड़े तमाम मुद्दों पर मंथन शुरू कर दिया है। वचन पत्र में जनता के साथ हर वर्ग और हर सेक्टर से जुड़े तमाम मुद्दों को शामिल किया जा रहा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा मेनिफेस्टो कमेटी बन चुकी है। उस कमेटी में नहीं हूं। जो काम अधूरा है हम उसे पूरा जरूर करेंगे। पुराने मेनिफेस्टो के बिंदु इस बार भी शामिल किए जाएंगे। साथ ही नये मुद्दों को भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा 2023 चुनाव के लिए जमावट शुरू हो गई है। आगे कार्यक्रम होंगे। बैठक भी होगी।
बुलडोजर कार्रवाई का विरोध
बुलडोजर की कार्रवाई पर अजय सिंह ने कहा बुलडोजर चलाना ठीक नहीं है। यदि कोई कार्रवाई करना है तो उस मकान को सील कर दीजिए। किसी योजना में उसका इस्तेमाल कर लीजिए। राष्ट्रीय संपत्ति को बुलडोजर से खत्म करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। कानून हर आदमी के लिए बराबर है। अपने हाथ में कानून लेकर चलाना किसी का अधिकार नहीं होना चाहिए। प्रजातंत्र में ऐसा अधिकार किसी को नहीं दिया गया है।
MP News – 3
35 नए विषय बढ़े, पढ़ाने वाले शिक्षक एक्का-दुक्का, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कैसे होगा ठीक से क्रियान्वयन
प्रदेश में सरकार ने सबसे पहले नई शिक्षा नीति को लागू कर बाजी तो मार ली है, लेकिन इस बार कॉलेजों में कई ऐसे विषय की पढ़ाई शुरू की गई है जिनके पर्याप्त शिक्षक ही नहीं हैं। जबकि प्रदेश में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत पहला सत्र पूरा हो गया है।
फर्स्ट ईयर में करीब 35 नए सब्जेक्ट कॉलेजों में बढ़ गए हैं, लेकिन इनके हिसाब से टीचर्स की संख्या नहीं बढ़ाई गई। अब सेकंड ईयर में भी यह स्टूडेंट टीचर्स की कमी से परेशान होने वाले हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या वोकेशनल कोर्स की है और नियमानुसार इन्हें पढ़ाने के लिए रेगुलर फैकल्टी की ही जरूरत होगी। क्योंकि, इसके पहले जिन सेल्फ फाइनेंस कोर्स को गेस्ट फैकल्टी पढ़ा सकती थी, उन्हें इस साल से बंद कर दिया जाएगा।
हाल यह है कि इन वोकेशनल कोर्स में सबसे अधिक संख्या कंप्यूटर साइंस से जुड़े सब्जेक्ट हैं, लेकिन इनके लिए पूरे प्रदेश में जीरो रेगुलर फेकल्टी हैं, जबकि इस सब्जेक्ट के लिए प्रदेश में 95 पद टीचर्स के स्वीकृत भी हैं। यह हाल केवल कंप्यूटर साइंस का ही नहीं, बल्कि सभी 11 सब्जेक्ट का है।
5100 पदों को भरने के लिए कवायद चल रही
असल में कॉलेजों में प्रिंसिपल और बाकी गजेटेड पोस्ट समेत टीचिंग स्टाफ के करीब 12 हजार पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 6900 पर रेगुलर फैकल्टी काम कर रही है और बाकी 5100 पदों को भरने के लिए कवायद चल रही है।
हद तो यह है कि इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री मोहन यादव के पास भी जवाब नहीं है। स्टूडेंट की छात्र संख्या सबसे अधिक बीए, बीएससी और बीकॉम में रहती है, लेकिन इनमें ही टीचर्स की कमी से जूझना पड़ रहा है।
इनमें भी सबसे महत्वपूर्ण सब्जेक्ट मैथ्स, केमिस्ट्री, कॉमर्स और फिजिक्स है। अच्छी बात यह है कि केमिस्ट्री, कॉमर्स और फिजिक्स के लिए विभाग की तरफ से कुल 2632 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 1635 पर ही रेगुलर टीचर्स काम कर रहे हैं।
बॉटनी, मैथ्स और जूलॉजी में मिलाकर 1988 पद स्वीकृत हैं और इनमें 943 खाली हैं। इनके अलावा इंग्लिश के 755 में से 324, अर्थशास्त्र में 804 में से 291, पॉलिटिकल साइंस में 789 में से 286 पद रिक्त हैं।
57 फीसदी रिक्त पदों पर गेस्ट टीचर
प्रदेश में करीब 57 फीसदी रिक्त पदों पर गेस्ट टीचर से काम चलाया जा रहा है। अब समस्या यह है कि गेस्ट टीचर को अलग से ग्रांट नहीं दी जाती है तो ऐसे में वे रिसर्च वर्क भी नहीं करवा सकते हैं। इसी कारण प्रदेश के 1360 कॉलेजों में बीते 5 साल में 80 प्रतिशत तक रिसर्च कम हो गए हैं। वहीं उच्च शिक्षा विभाग मंत्री मोहन यादव का कहना है कि पद भरने की कवायद लगातार चल रही है। कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हुई। अब जल्दी यह समस्या हल हो जाएगी।