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sadbhawnapaati
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MP News – 1

 

हर जिले को मिलेंगे ‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिक’, कॉल पर पहुंचेंगे पशुओं का इलाज करने,  

भोपाल। भोपाल सहित प्रदेश के सभी जिलों को जल्द ही ‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिक’ मिलने वाले हैं।
ये क्लिनिक तहसील स्तर पर होंगे, जो एक कॉल पर इलाज के लिए मौके पर पहुंचेंगे। करीब एक महीने में पशुपालन विभाग की ये योजना लागू हो जाएगी, जिसके लिए इस साल बजट पास कर दिया गया है।
सरकार गौ संरक्षण और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लगातार नई योजनाओं पर काम कर रही है।
उसी के तहत इस योजना को लागू किया जा रहा है। गांवों में पशुओं को बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए प्रदेश के जिलों की हर तहसील को एक ‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिक’ दिया जाएगा।
इस क्लिनिक में एक वेटेनरी डॉक्टर के साथ ही दो सहायक होंगे, जो कॉल के बाद मैसेज मिलते ही इलाज के लिए मौके पर पहुंचेंगे।

टोल फ्री नंबर 1962 पर करना होगा डॉयल

इलाज के लिए अपने घर तक इस क्लिनिक को बुलवाने के लिए टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन करना होगा और इलाज के लिए 150 रुपए की रसीद कटवाना होगी।
पूरे प्रदेश में करीब 480 ‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिकÓ दिए जाएंगे। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उनके लिए जो पशुओं के इलाज में लगने वाले भारी खर्च को वहन नहीं कर सकते हैं, उनके लिए ये व्यवस्था की जा रही है, साथ ही इसका फायदा उन्हें भी मिलेगा, जो दूर-दराज गांवों से हैं और अपने पशुओं को इलाज के लिए पशु चिकित्सालय लेकर नहीं पहुंच सकते।
एक महीने में शुरू हो जाएगी योजना
‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिकÓ में एक डॉक्टर, एवीएफओ (कम्पाउंडर) और एक अन्य स्टाफ के साथ ही तमाम दवाइयां और सुविधाएं होंगी। हर तहसील में एक ‘मोबाइल एंबुलेट्री क्लिनिक’ होगा।
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, योजना के लिए बजट पास हो गया है। अब विभाग वाहन खरीदी के साथ ही अतिरिक्त स्टाफ और दवाइयों का इंतजाम करेगा। 108 एंबुलेंस जैसी ये सेवा लगभग एक महीने में प्रदेश में शुरू हो जाएगी।
 

MP News – 2

 

बंद पड़ी दाल मिलों को पुनः चालू करवाएगी सरकार

– सस्ती होगी तुअर दाल, एक अप्रैल से टैक्स में छूट
भोपाल। प्रदेश में बंद पड़ी दाल मिलों को जल्द ही पुन: चालू किया जाएगा। कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसका संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जो दाल मिलें बंद पड़ी हुई है। उन्हें हम मंथन करने के बाद पुन: चालू करवाएंगे।
वहीं मंत्री ने घोषणा की है कि तुअर दाल के दाम जल्द ही कम होंगे। एक अप्रैल से तुअर दाल पर मंडी टैक्स नहीं लगेगा जिससे दाल की कीमतें कम हो सकती हैं।
दरअसल मप्र में मंडी शुल्क के कारण दालों की कीमतें ऊंची हो जाती है। इस वजह से देश के अन्य राज्यों में मप्र की दालें बिक नहीं पाती हैं।
मंत्री पटेल ने कहा कि व्यापारियों को व्यापार करने में कठिनाई न आए और जो विसंगतियां हैं। इसके लिए सरकार उन्हें दूर करने का प्रयास करेगी।
मध्यप्रदेश में दलहन का उत्पादन कम होता है। दाल बनाने के लिए प्रदेश की दाल इंडस्ट्रीज को देश के अन्य प्रदेशों से खड़ा दलहन मंगवाना पड़ता है।
महाराष्ट्र, गुजरात आदि राज्यों में उनके राज्य के बाहर से तुअर सहित अन्य दलहनों की खरीद कर दाल बनाने पर मंडी शुल्क नहीं लगता है।
अन्य राज्यों की दालें इस वजह से मध्यप्रदेश की तुलना में दो रुपये प्रति किलो कम कीमत पर बिकती हैं। मध्यप्रदेश में मंडी शुल्क के कारण कीमतें ऊंची हो जाती है।
इस कारण मप्र की दालें बिक नहीं पाती हैं। यही कारण है कि दाल मिलर्स पड़ोसी राज्यों के समान ही मध्यप्रदेश में भी राज्य के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाई जाने वाली दलहनों पर मंडी शुल्क से छूट मांग रहे थे।
दाल मिल एसोसिएशन के अनुसार बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं के हित में भी यह छूट जरूरी है।

 एक अप्रैल से शुल्क में छूट

अब कृषि मंत्री ने इस बारे में स्पष्ट घोषणा कर दी है। एक अप्रैल से शुल्क में छूट दी जाएगी। हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि शुल्क कितना कम किया जा रहा है।
मंडी टैक्स के कारण कटनी की कई दाल मिलें छत्तीसगढ़ तथा अन्य प्रदेशों में चली गईं हैं। बता दें कि 100 रुपए पर 1.70 रुपए मंडी टैक्स लगता है। इससे मिलर्स को घाटा हो रहा है। अन्य प्रदेशों में इसकी छूट है।
 

MP News – 3

 

लोक अदालत में बिजली के 9 हजार 397 प्रकरणों का निराकरण

भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में शनिवार को हुई नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 एवं 126 के तहत बनाए गए बिजली की अनियमितताओं के कुल 9 हजार 397 प्रकरणों में समझौता करने पर बिजली उपभोक्ताओं को 5 करोड़ 23 लाख से अधिक की राहत प्रदान करते हुए कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं से 13 करोड़ 95 लाख से अधिक राजस्व वसूल किया गया है।
नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए कुल 9 हजार 397 प्रकरणों में से न्यायालयों में लंबित 1 हजार 764 प्रकरणों में समझौता कर संबंधित उपभोक्ताओं ने 20 प्रतिशत छूट के साथ लंबित मुकदमों की कार्यवाही से निजात पाई। लोक अदालत में 7 हजार 633 ऐसे प्रकरणों में भी समझौता किया गया जो न्यायालय में पंजीबद्ध नहीं हुए थे।
इन प्रकरणों को प्रिलिटिगेशन प्रक्रिया के तहत निराकृत कराकर उपभोक्ताओं को 30 प्रतिशत छूट के साथ न्यायालयीन कार्रवाई से मुक्ति प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि लोक अदालत में निराकृत हुए धारा 126 एवं 135 के सभी प्रकरणों में संपूर्ण ब्याज राशि में शत-प्रतिशत छूट दी गई।
लोक अदालत में निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू उपभोक्ताओं, समस्त कृषि उपभोक्ताओं, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू तथा 10 एचपी तक भार वाले औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को समझौता करने पर छूट की पात्रता थी।
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