MP Top News-1
छिंदवाड़ा में फेसबुक पर सामने आई भाजपा की अंदरूनी लड़ाई
सोशल मीडिया पर अंदरूनी कलह सामने आने के बाद पार्टी की खूब किरकिरी भी हो रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी की कलह विधानसभा चुनाव में शुरू हुई थी। अब निकाय चुनाव में एक बार फिर से फिर से सामने आ गई हैं। बताया गया है कि पिछले दिनों संगठन की तरफ से एक बड़े नेता की शिकायत की गई थी। अब पिछले विधानसभा चुनाव से संबंधित कुछ पत्र वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद में भाजपा में अंदरूनी कलह शुरू हुई है।
फेसबुक में सामने आई अंतर्कलह
जानकारी के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में वर्तमान जिला अध्यक्ष बंटी साहू को लेकर शिकायत की गई थी। बाताया जाता है कि संगठन को पूर्व मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह के समर्थकों ने पत्र भेजकर उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। अब एक बार फिर से बंटी साहू की र्ग शिकायत का पत्र वायरल हो रहा हैं। इस बार साहू के समर्थकों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्रभान सिंह पर आरोप लगाए है। साथ ही निकाय चुनाव में पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने की बात कही है। फेसबुक पर जमकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे है।
MP Top News-2
10 फीट ऊँची पेड़ों की जड़ों और सूखी लकड़ियों से बनी महाकाल की प्रतिमा को देखने पहुंच रहे सेकड़ों लोग
महाकाल की प्रतिमा बनाने वाले स्थानीय कलाकार ऋषभ ने बरगद के पेड़ की जटाओं और सूखी लकड़ियों से महाकाल की प्रतिमा बनाई है। सावन के महीने में घर-घर में शिव आराधना की जा रही है। शिव भक्ती में डूबे ऋषभ ने भी प्राकृतिक सामग्रियों से भगवान महाकाल की प्रतिमा बना अपनी आस्था व्यक्त की है। सिवनी शहर के लगभग 2000 साल पुराने प्रसिद्ध और प्राचीन मठ मंदिर में पेड़ों की बेला, डाली और लकड़ियों से बाबा महाकाल की सुंदर प्रतिमा का निर्माण किया है, प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।
कलाकार ऋषभ ने बताया कि भगवान शिव की कलाकृति बनाने के लिए सबसे पहले एक गड्ढा खोदा। इसके बाद पेड़ से काटकर लाई गई टहनी को उसमें खड़ाकर मिट्टी से भर दिया। बीते दिनों आई आंधी में उसने सहयोगी के साथ लकडिय़ों को एकत्र किया था। उसको टहनी से जोडऩे के बाद उसमें जंगल से लाई गई बरगद की जड़, टोकनी और अन्य सामानों का उपयोग कर भोलेनाथ और नाग की आकृति तैयार कर दी। भगवान भोलेनाथ की आकृति को देखने के लिए शहर भर के लोग मठ मंदिर पहुंच रहे हैं।
MP Top News-3
ग्वालियर के छह कांवड़ियों की मौत का आखिरी वीडियो आया सामने, देखने वालों की आंखें हो रही नम
बता दें कि, 23 जुलाई को हाथरस में एक डंपर ने सात कांवड़ियों को कुचल दिया था। जिसमें छह की मौके पर ही मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस की माने तो डंपर की रफ्तार अधिक होने की वजह से यह हादसा हुआ। सभी मृतकों के शव शनिवार को ग्वालियर के बहांगीखुर्द गांव में लाया गया। जहां पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। छह की मौत के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। गांव में हर व्यक्ति की आंखें नम है।
MP Top News-4
कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए राहत भरी खबर, जल्द मिलेगा उच्च पदों का प्रभार, निर्देश जारी
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है. सुप्रीम कोर्ट में फिर से पदोन्नति में आरक्षण पर सुनवाई चल रही है और अगस्त में कर्मचारियों और अधिकारियों के पदोन्नति में आरक्षण पर फैसला आने की संभावना है। वही दूसरी तरफ राज्य सरकार ने अन्य विभागों में भी अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार देने का फैसला किया है।खास बात ये है कि इससे सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा।
दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले 6 साल यानि 2016 से कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला लंबित है और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस अवधि में 70000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और करीब 36000 को पदोन्नति नहीं मिली है,ऐसे में राज्य सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है और उच्च पदो का प्रभार देने का फैसला किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के गृह और जेल विभाग के बाद अब राजस्व विभाग ने अधिकारियों-कर्मचारियों को उच्च पद पर प्रभार देने का फैसला किया है और इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग ने अन्य विभागों को भी निर्देश दिए हैं कि वे भी इस तरह उच्च पदों का प्रभार दे सकते हैं।वही राजस्व विभाग ने प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू-अभिलेख से उच्च पदों का प्रभार देने के लिए तहसीलदारों और राजस्व निरीक्षकों की सूची मांगी है, जो इन पदों पर पांच वर्ष कार्य कर चुके हैं। इसके तहत तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार पद का प्रभार मिलेगा। वही जिन पर 2017 से 2021 की गोपनीय चरित्रावली में प्रतिकूल टिप्पणी दर्ज नहीं है, ऐसे अधिकारियों को उच्च पद का प्रभार नहीं दिया जाएगा, जिनके विरुद्ध विभागीय जांच चल रही है या आपराधिक, न्यायालयीन या लोकायुक्त प्रकरण दर्ज है।
अगस्त में आ सकता है पदोन्नति में आरक्षण पर फैसला
मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारियों और अधिकारियों का 6 साल का पदोन्नति में आरक्षण (MP Reservation in Promotion) का इंतजार खत्म हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई जारी है और मध्य प्रदेश के संबंध में मांगा गया डाटा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध करा दिया गया है।माना जा रहा है कि राज्यवार चल रही सुनवाई में प्रमोशन में आरक्षण पर 17 अगस्त को बड़ा फैसला आ सकता है।
MP Top News-5
आर्थिक मदद के लिए छात्रा ने रोका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का काफिला
कटनी. मध्य प्रदेश के कटनी जिले में यूथ महापंचायत आयोजित की गई थी. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शामिल हुए. यहां कटनी की एक छात्रा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का काफिला रोक लिया. स्नातक की द्वितिय वर्ष की छात्रा अंकिता ने ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से आगे की पढ़ाई और आईएएस अफसर बनने में मदद की बात कही. हालांकि सीएम ने भी कहा कि मामा जरूर भांजी की आर्थिक मदद करेंगे. इसके बाद सीएम शिवराज सिंह ने छात्रा के रहने और पढ़ाई के बारे में इंतजार करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए हैं.
यूथ महापंचायत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के बाद अंकिता ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का रास्ता रोका. सीएम शिवराज सिंह चौहान से कहा कि भांजी आगे पढ़ना चाहती है. अंकिता बीएससी की पढ़ाई भोपाल में रहकर ही करना चाहती है. इसके बाद आईएएस बनने का सपना देखा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंकिता की आगे की पढ़ाई की सारी व्यवस्थाएं कराने की बात कही. पढ़ाई को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए.
अंकिता दुबे की पारिवारिक स्थिति है कमजोर
दरअसल अंकिता दुबे कटनी के स्लीमनाबाद की रहने वाली है. अंकिता बीए. सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रही है. अंकिता बीए की जगह बीएससी करना चाहती है. बीएससी के बाद आईएएस बनना चाहती है. अंकिता का कहना है कि वह भोपाल में ही रहकर पढ़ाई करना चाहती है ताकि IAS बनने का ख्वाब पूरा हो सके.
इसके लिए हॉस्टल के साथ पढ़ाई की तमाम व्यवस्थाएं कराने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के चलते पढ़ाई पूरी करने में परेशानियां हो रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आगे की पढ़ाई जारी रखने को लेकर मदद मुहैया कराने की बात कही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को बच्ची की पढ़ाई को लेकर सारी व्यवस्थाएं कराने के निर्देश दिए हैं.
अंकिता के पिता करते हैं वॉचमैन का काम
कटनी के स्लीमनाबाद की रहने वाले अंकिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नही है. ..अंकिता के पिता वॉचमैन का काम करते हैं. अंकिता की तीन बहने हैं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते पढ़ाई में परेशानियां आ रही थी. सीएम शिवराज सिंह चौहान के अधिकारियों को दिशा निर्देश देने के बाद से अंकिता खुश है. अंकिता को विश्वास है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की मदद के बाद उनकी आगे की पढ़ाई जारी रहेगी.
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नया सिलेबस – एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में सितंबर से शुरू होने की सम्भावना
अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय परीक्षार्थियों को ‘हिंग्लिश’ (हिन्दी और अंग्रेजी का मिला-जुला स्वरूप) में लिखित परीक्षा, प्रायोगिक परीक्षा और मौखिक परीक्षा (वाइवा) देने का विकल्प काफी पहले ही प्रदान कर चुका है, जिसके उत्साहजनक नतीजे प्राप्त हुए हैं. चिकित्सा शिक्षा के लिए हिन्दी पुस्तकें तैयार करने के सरकारी कार्यक्रम से जुड़े एक जानकार ने कहा, ‘‘इन किताबों को अंग्रेजी से हिन्दी में ढालते वक्त हमने खास ध्यान रखा है कि पढ़ाई-लिखाई और पेशेवर जगत में मूलतः अंग्रेजी में ही इस्तेमाल होने वाली तकनीकी शब्दावली के बेवजह हिन्दी अनुवाद से बचा जाए, ताकि विद्यार्थियों को अहम शब्दों के बारे में कोई भ्रम न रहे.’’ उन्होंने मिसाल के तौर पर बताया कि हिन्दी माध्यम की किताबों में ‘‘ओस्मोलेरिटी’’ को ‘‘परासारिता’’ लिखने के बजाय ‘‘ओस्मोलेरिटी’’ ही लिखा गया है और इसी तरह ‘‘ब्लड प्रेशर’’ को ‘‘रक्तचाप’’ लिखने के बजाय ‘‘ब्लड प्रेशर’’ ही रहने दिया गया है.
सीएम शिवराज ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी को इंदौर में गणतंत्र दिवस समारोह में घोषणा की थी कि राज्य में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में भी कराई जाएगी ताकि अंग्रेजी न जानने वाले प्रतिभावान विद्यार्थी भी डॉक्टर बनकर जीवन में आगे बढ़ सकें. इसके बाद राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के फैसले के मुताबिक सात फरवरी को एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई थी. समिति के सदस्य और फिजियोलॉजी के पूर्व सह प्राध्यापक भंडारी ने कहा कि राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले 60 से 70 प्रतिशत विद्यार्थी हिन्दी माध्यम के होते हैं और अंग्रेजी की मोटी-मोटी किताबों के कारण उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत प्रथम वर्ष में ही होती है. वर्ष 1992 में हिन्दी में शोध प्रबंध (थीसिस) लिखकर एमडी (फिजियोलॉजी) की उपाधि प्राप्त करने वाले भंडारी ने कहा, ‘मातृभाषा की नयी किताबों की मदद से हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए डॉक्टर बनने का सपना पूरा करना अब और आसान हो जाएगा.