इंदौर। नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों पर रात के समय रोशनी करने वाले विद्युत लाइट बदलने की कवायद की जा रही है। मौजूदा वेपर लैंप के स्थान पर यहां एलईडी लाइट लगाने की कवायद की जा रही है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल के मुताबिक नवीन एलईडी लाइट से उर्जा बचत होगी, वहीं लाइट के संधारण व्यय का खर्च भी बचेगा।
शहर में एमजी रोड क्षेत्र में एलईडी लाइट लगाई जा रही है। आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि शहर में 80 हजार से अधिक एलईडी लाइट को शहर के विभिन्न स्थानों पर नवीन एलईडी लाइट में बदलने व लगाने का कार्य किया जा रहा है।
निगम द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों में आगामी माह में नवीन एलईडी लाइट बदलने व लगाने का कार्य किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 30 करोड़ रुपये का व्यय होना संभावित है एवं 5 वर्ष तक संचालन व संधारण पर रुपये 25 करोड़ का व्यय होना है।
इस प्रकार प्रोजेक्ट पर कुल 55 करोड़ रुपये का व्यय होगा।वर्तमान में ईईएसएल कंपनी से निगम द्वारा किये गये अनुबंध के क्रम में कंपनी द्वारा प्रारंभिक तौर पर 28 वार्डों में पूर्व में लगी लाइटों को एलईडी लाइट में परिवर्तित किया जा रहा है।
यह कार्य समस्त वार्डों में किया जाएगा। विगत दिनों में 07 वार्डों में कार्य प्रारंभ किया गया है जिसमें लगभग 700 एल.ई.डी. फिटिंग लगाई जा चुकी है।
शहरी क्षेत्र में रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था के तहत कुल 1,33,521 स्ट्रीट लाइट लगी हुई है, जिनमें से 59206 एल.ई.डी. एवं 74415 सोडियम व मेटल हेलाईड बल्ब लगे हैं।
शहर में रिंगपोल वाली लाइट शहर के समस्त वार्डों के, प्रमुख मार्गों व उद्यानों में लगी हुई है। शहर में लगी हुई सोडियम व मेटल हेलाईड लाइट 12 से 15 वर्ष पुरानी हो चुकी है।
इन लाईटों से पर्याप्त प्रकाश नहीं मिलता है। इसके अलावा विभिन्न कारणों से यह लाईटें बार-बार खराब होती रहती है, इस कारण इन लाईटों के संधारण कार्य पर भी अत्यधिक व्यय होता है।
इन लाईटों के संधारण कार्य पर वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होते है। विदित हो कि भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की संयुक्त उद्यम कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा निगम विद्युत विभाग द्वारा कंपनी से इस कार्य हेतु अनुबंध किया गया है।