उद्धव ठाकरे ग्रुप की शिवसेना की दशहरा रैली हमेशा की तरह मुंबई के शिवाजी पार्क में ही होगी. पार्टी की ये रैली एक तरह से पार्टी की परंपरा रही है. जो साल 1966 से लगातार आयोजित होती रही है. इस बार बीएमसी ने इसकी इजाजत नहीं दी थी, क्योंकि शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है और शिवसेना की शिंदे गुट महाराष्ट्र की सरकार चला रही है.
बीएमसी ने कानून व्यवस्था बिगड़ने के नाम पर ठाकरे गुट की शिवसेवा को इस साल रैली की इजाजत नहीं दी थी. ऐसी ही इजाजत शिंदे की शिवसेना गुट ने भी मांगी थी. लेकिन अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है और उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेवा को रैली करने की इजाजत दे दी है.
हाई कोर्ट ने बीएमसी को लगाई फटकार
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे पक्ष की तरफ से जो आपत्ति आई थी, उसे भी खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने इस दौरान बीएमसी को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि बीएमसी ने इस पूरे मामले में अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है.
हाई कोर्ट ने इसके साथ ही द्धव ठाकरे गुट को पांच अक्तूबर को दशहरा रैली करने की इजाज़त दे दी है. कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट दो अक्तूबर से लेकर छह अक्तूबर तक ग्राउंड में दशहरा रैली की तैयारी कर सकता है. हालांकि उन्हें BMC के नियमों को मानना होगा. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इस दौरान क़ानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति न पैदा हो इसकी जिम्मेदारी शिवसेवा की होगी.