- 18 से 22 नवंबर 2025: भारत के लिए विशेष रूप से नकारात्मक काल
- ग्रह दशा का प्रभाव : 19 नवंबर 2025 तक
- 19 नवंबर से 10 दिसंबर 2025 तक
- राजनीतिक उथल-पुथल — बिहार में बड़ा बदलाव संभव
- मौसम: 10 दिसंबर 2025 तक ठंड का प्रभाव
- आतंकी खतरा और सीमाई तनाव
- व्यापार और अर्थव्यवस्था में भारी उथल-पुथल
- डिजिटल, AI और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़ा व्यवधान :
- समझदारी ही सुरक्षा है
इंदौर। आने वाले दिनों में ग्रहों की स्थिति विश्व और भारत, दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील मानी जा रही है। ज्योतिषाचार्य विनोद जैन ने बताया कि 18 नवंबर 2025 से 10 दिसंबर 2025 के बीच कुछ बड़ा, गंभीर और नकारात्मक प्रभाव वाला समय बन रहा है।
18 से 22 नवंबर 2025: भारत के लिए विशेष रूप से नकारात्मक काल
श्री जैन के अनुसार, भारत के लिए 18/11/2025 से 22/11/2025 तक का समय बेहद संवेदनशील रहेगा। इस दौरान किसी बड़ी घटना या राष्ट्रीय स्तर की नकारात्मक परिस्थिति बनने की संभावना है।
ग्रह दशा का प्रभाव : 19 नवंबर 2025 तक
मंगल/मंगल — शनि का अंतर : यह संयोजन बीमारियों,बाधाओं, तनाव, दुर्घटनाओं और राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत देता है।
19 नवंबर से 10 दिसंबर 2025 तक
मंगल/मंगल — बुध का अंतर : बुध के वक्री (retrograde) होने और मंगल के अस्त होने से व्यापार, संचार, तकनीकी और राजनीतिक निर्णयों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
नेताओं, अभिनेताओं और विश्व की प्रमुख हस्तियों पर संकट की आशंका
मंगल ग्रह के अस्त और बुध के (अस्त + वक्री) होने के कारण यह समय किसी बड़े नेता, अभिनेता या विश्व की प्रतिष्ठित हस्ती के लिए हादसा/ दुखद और संकटपूर्ण हो सकता है।
राजनीतिक उथल-पुथल — बिहार में बड़ा बदलाव संभव
श्री जैन के अनुसार, मंगल ग्रह की स्थिति और ग्रह विश्लेषण के आधार पर बिहार विधानसभा चुनाव में नितीश कुमार जी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। उनके स्थान पर कोई नया व्यक्ति बिहार के मुख्यमंत्री पद पर आयेगा ।
मौसम: 10 दिसंबर 2025 तक ठंड का प्रभाव
अत्यधिक ठंड, शीतलहर, बर्फीला मौसम और कंपकंपी वाली हवाएँ पूरे भारत एवं कई अन्य देशों में बनी रहेंगी।
आतंकी खतरा और सीमाई तनाव
भारत के आसपास के देशों में आतंकी गतिविधियों का खतरा बढ़ेगा, और सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना रहना पड़ेगा। प्रधानमंत्री द्वारा देशहित में बड़ा निर्णय लिए जाने की भी ग्रह योग में संभावना दिखाई दे रही है।
व्यापार और अर्थव्यवस्था में भारी उथल-पुथल
इस अवधि में व्यापारियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, बाजार में तेजी–मंदी के बड़े झटके, आर्थिक नुकसान का जोखिम निवेश में अस्थिरता। सोना–चांदी–शेयर–कोमोडिटी मार्केट में उतार-चढ़ाव अगर सावधानी नहीं रखी गई, तो बड़ा आर्थिक नुकसान संभव है।
दुर्घटनाएँ: हवाई जहाज़, ट्रेन और आगजनी का योग : इस समयावधि में हवाई जहाज ट्रेन और आगजनी से संबंधित घटनाएँ विश्वभर में बढ़ सकती हैं।
डिजिटल, AI और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बड़ा व्यवधान :
बुध के वक्री होने के कारण—किसी बड़ी संस्था का हैकिंग/सिस्टम फेल्योर ऑनलाइन बैंकिंग पर असर शेयर बाजार ट्रांजैक्शन में समस्या डिजिटल पेमेंट और AI प्लेटफॉर्म में बाधाएँ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
ऑनलाइन ट्रेडिंग मै भी टेक्नोलॉजी/डिजिटल व्यवधान की शंका..
समझदारी ही सुरक्षा है
श्री जैन ने सलाह दी है कि यह पूरा समय संयम और सावधानी से निर्णय लेने का है। अनावश्यक जोखिम न लें, सोच–समझकर हर कदम उठाएँ, यही समझदारी है।

