प्रदेश के सभी कॉलेजों में प्रथम वर्ष में रामचरित मानस पढ़ाई गई। अब सेकंड ईयर में श्रीमद् भगवद्गीता पढ़ाई जाएगी। इसके अलावा देवी अहिल्याबाई होलकर और विक्रमादित्य के साथ ही अन्य भारतीय इतिहास के स्वर्णिम लोगों को पढ़ाया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी इन लोगों के व्यक्तित्व से प्रेरित होकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके।
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि कोविड के बावजूद हमने बीते साल नई शिक्षा नीति में रामचरित मानस को सिलेबस में शामिल किया। इस बार सेकंड ईयर में प्रवेश कर रहे हैं। इसमें भगवद्गीता को भी शामिल किया जा रहा है।
देवी अहिल्याबाई को भी जोड़ेंगे
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में हमारे गौरवशाली अतीत को शामिल किया जाएगा।
सनातन संस्कृति के साथ ही सिलेबस में देवी अहिल्याबाई होलकर, विक्रमादित्य, राजा भोज जैसे अनेक नायकों को भी जोड़ा जाएगा, ताकि इनके कार्यों और प्रयासों को देश की भावी पीढ़ी जान सके।
नई शिक्षा नीति में गुणवत्ता के साथ ही अतीत के गौरवशाली इतिहास को भी जोड़ा जा रहा है।
नहीं रहेगा 33 प्रतिशत का जमाना
मंत्री यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में बदलाव से विद्यार्थियों को शिक्षित करने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी।