🔸 क्राउन यूनिवर्सिटी और गौरी आडवाणी का कानूनी नोटिस — खुला बड़ा मोर्चा
इंदौर / तमिलनाडु। गाय और पंचगव्य से जुड़ी चिकित्सा पद्धति के नाम पर देशभर में चल रहे अनेक संस्थानों में से एक — कांचीपुरम स्थित पंचगव्य विद्यापीठम — इन दिनों गंभीर आरोपों के घेरे में है। संस्थान और इसके संस्थापक निरंजन वर्मा पर फर्जी डिग्री जारी करने, मान्यता रहित पाठ्यक्रम संचालित करने और छात्रों से मोटी फीस वसूलने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। दूसरी ओर, संस्थान का कहना है कि वह पारदर्शी ढंग से कार्य कर रहा है और उसके पास सभी आवश्यक दस्तावेज मौजूद हैं।
इस विवाद की गहराई और सच्चाई जानने के लिए दैनिक सदभावना पाती ने संस्थान को कई सवाल ईमेल के माध्यम से भेजे, जिनके जवाब हमें प्राप्त हुए। प्रस्तुत रिपोर्ट में हम उन सभी सवालों और जवाबों को जस के तस प्रकाशित कर रहे हैं, ताकि पाठक स्वयं तय कर सकें कि सच किसके पक्ष में है।
हमने 2 अक्टूबर 2025 को पहला ईमेल भेजा –
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) किस शैक्षणिक संस्था/ट्रस्ट/कंपनी द्वारा संचालित है? कृपया इसका पंजीकरण प्रमाण-पत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएँ।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) संस्थापक/प्रमुख अधिकारियों के पहचान-पत्र व शैक्षणिक/डिग्री प्रमाण-पत्र (विशेषतः श्री निरंजन वर्मा द्वारा ‘डॉ.’ का प्रयोग किस मान्यता-प्राप्त डिग्री के कारण किया जा रहा है — उसकी प्रमाणित प्रति)।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) संस्थान द्वारा संचालित कोर्सों की फीस संरचना, अवधि एवं पाठ्यक्रम राज्य/केंद्र सरकार के किस विभाग से मान्यता प्राप्त हैं? यह फीस किस शासकीय/नियत प्राधिकरण द्वारा निर्धारित/आधारित है—उसका दस्तावेज़ भी दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) यूनिवर्सिटी UGC / NCISM / NMC / AYUSH इत्यादी संबंधित राज्य/केंद्र शासित विभागों से संबन्ध/मान्यता के प्रमाण-पत्र प्रदान करें। क्या आपकी संस्था UGC (University Grants Commission) अथवा किसी अन्य मान्यता-दायी निकाय से रजिस्टर्ड/अधिसूचित/मान्यता प्राप्त है? हाँ होने पर प्रमाण दें; नहीं होने पर स्पष्ट करें कि आप किन कानूनी आधारों पर विश्वविद्यालय/डिग्री/MD उपाधि जारी करते हैं।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) यदि संस्थान कोई विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थाओं से संबद्धता/मान्यता है, तो संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ किए गए समझौतों और UGC/संबंधित विभाग से मान्यता/फेहरिस्त के दस्तावेज़ संलग्न करें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) “MD (Panchgavya)” उपाधि आप किस नियम/अधिनियम/अधिकार के तहत देते हैं? भारत में इस उपाधि की कानूनी/शैक्षणिक वैधता का कानूनी-न्यायिक आधार प्रस्तुत करें। यह भारत में किस प्रकार मान्यता प्राप्त है? कृपया विस्तृत स्पष्टीकरण एवं दस्तावेज दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) आप भारत के विभिन्न शहरों/राज्यों में प्रोग्राम/विस्तार-केंद्र क्यों एवं किस अधिकार के तहत आयोजित करते हैं तथा छात्रों से अधिकतम ₹40,000 तक लेने का कानूनी आधार क्या है? शुल्क वसूल कर उपाधियाँ/डिग्रियाँ/डिप्लोमा वितरित करने संबंधित आदेश/नोटिफिकेशन/अनुमोदन की प्रमाणित प्रतियां दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) मानद डिग्री/डिप्लोमा वितरण के लिए यदि कोई शैक्षणिक परिषद का गठन किया गया है, तो उसके सदस्यों की सूची (नाम, संपर्क सहित) एवं वितरण पूर्व की बैठकों के मिनट्स की प्रतिलिपि उपलब्ध कराएँ।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) पाठ्यक्रम-प्रशिक्षण हेतु उपलब्ध शिक्षकों/फैकल्टी की सूची व उनकी शैक्षणिक-योग्यता/प्रमाण-पत्र संलग्न कर दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) से कोर्स / ट्रेनिंग प्रोग्राम करने के बाद छात्रों को दिए जाने वाला डिग्री डिप्लोमा का प्रमाण पत्र शासकीय नौकरी के लिए योग्य है या नहीं इस प्रमाण पत्र से उसे शासकीय नौकरी मिलेगी ? क्या शासन में यह कोर्स मान्य है ? कृपया किसी भी सरकारी भर्ती/नियोक्ता द्वारा उसे मान्यता दिए जाने का उदाहरण/प्रमाण प्रस्तुत करें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) के दावे अनुसार आप 100% जॉब प्लेसमेंट देते हैं. आपके द्वारा विगत वर्षो में कितने विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी गई है और कितने की जॉब लगी है और कहाँ लगी है ? कृपा लिस्ट के रूप में जानकारी उपलब्ध करवाएं।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) क्या आपके संस्थान में प्रवेशित आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के छात्रों को शासन द्वारा मिलने वाली छात्रवृत्ति/अनुदान उपलब्ध कराए जाते हैं? यदि हाँ तो उसका प्रमाण दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) आपके पाठ्यक्रमों के लिए प्रयुक्त थ्योरी एवं प्रैक्टिकल स्टडी-मटेरियल किसने तैयार किया और किस निकाय ने उसे मान्यता दी? कृपया संबंधित प्रकाशन/आधार दस्तावेज दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) के द्वारा करवाए जा रहे कोर्स / ट्रेनिंग प्रोग्राम की परीक्षा (एग्जाम) किस शासकीय विभाग या अन्य के द्वारा ली जाती है ? किस आधार पर आप उन्हें ट्रेंड होने का दावा करते है ?
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) प्रशिक्षण के वास्तविक लाभ क्या हैं? यदि किसी विद्यार्थी को नौकरी न मिले तो फीस वापसी/रिफंड की आपकी नीति क्या है — कृपया लिखित नीति दें।
- पंचगव्य विद्यापीठम (गुरुकुलीय विश्वविद्यालय) वेबसाइट पर दावा किया गया है कि 8,000 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है। उनमें से कितने इस कोर्स के बाद उसी व्यवसाय में संलग्न हैं एवं संस्थान द्वारा सहायता प्राप्त की है? कृपया नाम, संपर्क एवं पते सहित सूची उपलब्ध कराएँ।
आपकी वेबसाइट पर दिए गए विशेष दावों के संबंध में (कानूनी/न्यायिक कागजात माँगे जा रहे हैं)
वेबसाइट पर उपलब्ध कानूनी वैधता संबंधी दावों पर स्पष्टीकरण:
आपकी आधिकारिक वेबसाइट पर उल्लिखित निम्नलिखित दावों की पुष्टि हेतु सत्यापित दस्तावेज उपलब्ध कराएँ:
- आपका दावा – पंचगव्य विद्यापीठम, कांचीपुरम शैक्षणिक न्यास के अंतर्गत पंजीकृत है. साथ ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, तमिलनाडु, आयुर्वेदिक इंडस्ट्रियल स्कूल एवं इंडियन सेल थेरेपी इंस्टिट्यूट, मदुरै, तमिलनाडु के अंतर्गत कानूनन रूप से शिक्षण एवं प्रशिक्षण के लिए अधिकृत है. हमारा सवाल – कृपया सत्यापित दस्तावेज (पंजीकरण/अधिकृत पत्र) प्रदान करें।
- आपका दावा – पंचगव्य विद्यापीठम के आधारभूत पाठ्यक्रम ‘सेंट्रल भारत सेवक समाज’ (राष्ट्रीय विकास एजेंसी, भारत सरकार के योजना आयोग द्वारा 1952 में स्थापित, जिसे वर्तमान में भारत सरकार का नीति आयोग प्रोत्साहित कर रहा है.) में पंजीकृत है. हमारा सवाल – इसका कोई आदेश / नोटिफिकेशन / गजट / परिपत्र इत्यादि जो भी हो उपलब्ध करवाइये ।
- आपका दावा – पंचगव्य विद्यापीठम, कांचीपुरम ‘राष्ट्रीय पारंपरिक वैद्यरत्न’, ‘गव्यसिद्धाचार्य सेवरत्न’ निरंजन कु. वर्मा के निर्देशन में संचालित है, जो मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के 2007 के आदेश क्रमांक सी.ओ.पी. (एमडी) क्रमांक 9466 दिनांक 14-09-2007 के अंतर्गत भारतीय पारंपरिक चिकित्सा करना पूर्णतः वैध है। हमारा सवाल – कृपया पूरा आदेश व उसके बाद की किसी भी अपील/किये गये निर्णयों की प्रमाणित प्रतिलिपि दें तथा स्पष्ट करें कि यह आदेश अंतिम/फाइनल था या उसे उच्च न्यायालय/सुप्रीम कोर्ट में बदला गया। यह आदेश राष्ट्रीय स्तर पर लागू है या केवल मद्रास उच्च न्यायालय के शासनक्षेत्र/प्रकरण से संबंधित था — कृपया स्पष्ट कानूनी स्थिति बताएं।
- आपका दावा – वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति (पंचगव्य थेरेपी) में अभ्यास करना भारतीय संविधान की धारा 19 (1) एवं धारा 19 (6) के अंतर्गत पूर्णतः वैध है। क्योंकि वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में अभ्यास करना इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के दायरे के अंतर्गत नहीं आता है। हमारा सवाल – आपने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के अभ्यास को भारतीय संविधान धारा 19 (1)/(6) के अंतर्गत वैध बताते हुए कुछ विधिक राय दी है — हमारी जानकारी अनुसार भारत में कोई भी चिकित्सा पद्धति इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के भीतर ही मान्य है उसके अलावा कोई भी चिकित्सा पद्धति मान्य नहीं है। आप आपकी वैध्यता के आदेश / नोटिफिकेशन / गजट / परिपत्र इत्यादि जो भी हो उपलब्ध करवाइये ।
- आपका दावा – मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पत्र क्रमांक एमसीआई-34-(1)/96.मेड./10984, दिनांक 05-08-1996 के अनुसार वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति में अभ्यास करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से अलग से आज्ञा / पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। हमारा सवाल – इस अति पुराने आदेश के बाद दर्जनों आदेश मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निकाले गए है उन आदेशों में ऐसी कोई चिकित्सा पद्धति को मान्य नहीं किया गया है। आप जिस पत्र क्रमांक एमसीआई-34-(1)/96.मेड./10984, दिनांक 05-08-1996 की बात कर रहे हैं उसको सत्यापित कर हमें उपलब्ध करवाएं ।
- आपका दावा – पुलिस को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति (पंचगव्य थेरेपी) में अभ्यास करने वाले अभ्यर्थी को उसके प्रमाण-पत्र के दायरे में अभ्यास करने से रोकने या उसके साथ अन्याय करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। जैसे कि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के 2007 के आदेश क्रमांक सी.ओ.पी. (एमडी) क्रमांक 8085, दिनांक 09-08-2007 के अंतर्गत है| हमारा सवाल – माननीय मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के उक्त आदेश क्या फाइनल आदेश था या उसे माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदला गया है ? इस प्रकरण का फाइनल आदेश जो भी है उपलब्ध करवाइये ? यह आदेश सिर्फ मद्रास के लिए था या सम्पूर्ण भारत के लिए ? स्थिति साफ़ करें।
- आपका दावा – इसके अतिरिक्त, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में सन् 2012 में दायर की गई एक याचिका (रिट पेटिशन) क्रमांक 2452 पर दिनांक 25 मार्च 2010 को दिए गए एक आदेश के अनुसार पुलिस कर्मचारी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति (पंचगव्य) के अभ्यास में हस्तक्षेप नहीं करेंगे| हमारा सवाल – माननीय मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के उक्त आदेश क्या फाइनल आदेश था या उसे माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदला गया है ? इस प्रकरण का फाइनल आदेश जो भी है उपलब्ध करवाइये ? यह आदेश सिर्फ मद्रास के लिए था या सम्पूर्ण भारत के लिए ? स्थिति साफ़ करें।
“क्राउन यूनिवर्सिटी और गौरी आडवानी/UNAccc नोटिस पर स्पष्टीकरण”
- UNAccc/क्राउन यूनिवर्सिटी से संबंध और भुगतान विवाद: दोनों नोटिसों में UNAccc इवेंट्स (जैसे दावोस) में भागीदारी के दौरान मानद डॉक्टरेट डिग्री प्राप्त करने और €11,00,000 (लगभग ₹10 करोड़) बकाया फीस न चुकाने का आरोप लगाया गया है, साथ ही अनधिकृत सोशल मीडिया प्रचार और सदस्यों को भड़काने का। क्या आपके संस्थान का UNAccc या क्राउन यूनिवर्सिटी (USA) से कोई औपचारिक MoU था? कृपया इवेंट विवरण, भुगतान रिकॉर्ड/रसीदें, और इन आरोपों पर स्पष्टीकरण दें।
- फर्जी डिग्री और UGC मान्यता: दोनों नोटिसों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पंचगव्य विद्यापीठम UGC से मान्यता प्राप्त नहीं है, और हजारों फर्जी “डॉक्टर” सर्टिफिकेट (जैसे MD in Panchgavya Therapy) जारी किए गए हैं, जो चिकित्सा अभ्यास के लिए अवैध और समाज के लिए खतरनाक हैं। क्या आपके द्वारा जारी डिग्रियाँ सरकारी नौकरियों या मेडिकल प्रैक्टिस के लिए मान्य हैं? कृपया UGC/MCI से मान्यता प्रमाण-पत्र और विगत 5 वर्षों में जारी डॉक्टरेट डिग्रियों की सूची (प्राप्तकर्ताओं के नाम/पेशा सहित) उपलब्ध कराएँ।
- संदिग्ध मौतें और मरीज शिकायतें: नोटिसों में मिस्टर मणि तथा निरंजन वर्मा की दूसरी पत्नी की संदिग्ध मौतों का जिक्र है, साथ ही आपके प्रशिक्षित “पंचगव्य डॉक्टरों” द्वारा मरीज इलाज में लापरवाही से मौतें होने और पैसे लेकर फर्जी सर्टिफिकेट देने का आरोप लगाया गया है, जो CBI/पुलिस जाँच की मांग करता है। क्या आपके संस्थान से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ कोई FIR या शिकायत दर्ज है? कृपया इन घटनाओं पर विस्तृत स्पष्टीकरण, मेडिकल रिपोर्ट्स, और लीगल कार्रवाई का ब्योरा दें।
- कानूनी जवाब और मुआवजा मांग: दोनों नोटिसों में भारतीय (Indian Contract Act 1872 धारा 73, IT Act 2000), UK (Fraud Act 2006), और EU (Directive 2019/713) कानूनों के तहत धोखाधड़ी/अनुबंध उल्लंघन का आरोप लगाकर मुआवजा मांगा गया है। क्या आपने इन नोटिसों पर कोई जवाबी कानूनी कार्रवाई (जैसे नोटिस या मुकदमा) की है? कृपया सभी संबंधी पत्राचार/दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं, ताकि रिपोर्ट में आपका पक्ष शामिल हो सके।
पंचगव्य विद्यापीठम से पहला जवाब हमें 3 अक्टूबर 2025 को ये मिला –
आपके द्वारा हमें पत्र लिखकर संपर्क करने हेतु धन्यवाद। यह हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है कि आपने सीधे हमसे संवाद स्थापित किया। आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर विस्तारपूर्वक जानकारी देने एवं किसी भी प्रकार की शंका का समाधान करने के लिए हम सदैव तत्पर हैं। तथापि, यह विषय अत्यंत गंभीर एवं व्यापक है, अतः हम मानते हैं कि व्यक्तिगत संवाद ही इसके लिए सर्वोत्तम माध्यम होगा। अतः हम आपको सादर आमंत्रित करते हैं कि आप कांचीपुरम स्थित पंचगव्य विद्यापीठम पधारें। यहाँ हम आपके लिए संस्थापक एवं गुरुकुलपति श्री निरंजन वर्मा जी के साथ एक विशेष साक्षात्कार का प्रबंध करेंगे, जिससे आप प्रत्यक्ष रूप से सभी तथ्यों को जान सकें और संपूर्ण पारदर्शिता के साथ अपनी रिपोर्ट तैयार कर सकें। हमें विश्वास है कि आपके आगमन एवं संवाद से न केवल आपके प्रश्नों का समाधान होगा, बल्कि पंचगव्य विद्यापीठम की कार्यप्रणाली एवं उद्देश्यों की गहन समझ भी विकसित होगी।
इस 3 अक्टूबर 2025 के जवाब में हमने उनको 4 अक्टूबर 2025 लिखा –
आपके उत्तर के लिए धन्यवाद। हमने जो प्रश्न भेजे थे, वे सभी सार्वजनिक डोमेन में आने योग्य जानकारी और दस्तावेज़ हैं। यदि आपकी संस्था वास्तविक और मान्यता प्राप्त है तो ऐसा कोई भी दस्तावेज़ या जानकारी नहीं है जिसे आप हमें लिखित रूप में उपलब्ध न करा सकें। इसके लिए हमारा आपके कांचीपुरम आना आवश्यक नहीं है। हमारा अख़बार इंदौर से प्रकाशित होता है और इंटरनेट के इस युग में जहाँ सूचनाएँ तुरंत साझा की जा सकती हैं, वहाँ समय और धन की बर्बादी उचित नहीं है। फिर भी यदि आप व्यक्तिगत संवाद को ही सर्वोत्तम मानते हैं तो आपका और श्री निरंजन वर्मा जी का हमारे इंदौर कार्यालय में स्वागत है। यहाँ हम प्रत्यक्ष रूप से आपका पक्ष सुनकर साक्षात्कार कर सकते हैं। कृपया अगले 2 कार्य दिवसों में स्पष्ट लिखित उत्तर और दस्तावेज़ साझा करें, ताकि रिपोर्ट निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से तैयार की जा सके। 2 दिनों उपरांत बिना कोई सवाल जवाब के खबर का प्रकाशन किया जायेगा।
हमारे 4 अक्टूबर 2025 हमारे जवाब के प्रतिउत्तर में उन्होंने 6 अक्टूबर को हमें लिखा –
पंचगव्य विद्यापीठम् एक अकादमिक एवं गुरुकुलीय पद्धति से संचालित संस्था है। संस्था से संबंधित समस्त अभिलेख, प्रमाणपत्र एवं मान्यता से जुड़े दस्तावेज़ समय-समय पर आवश्यकतानुसार संबंधित वैधानिक अथवा नियामक प्राधिकरणों को ही प्रस्तुत किए जाते हैं।पत्रकारिता के प्रति हमारा सम्मान है, इसी कारण आप जैसे नए समाचार पत्र से संवाद स्थापित कर आपके प्रश्नों का उत्तर देना हमारे लिए प्रसन्नता का विषय है। किंतु संस्था की नीति के अनुसार कोई भी आंतरिक अथवा संवेदनशील दस्तावेज़ ईमेल अथवा प्रेस माध्यम से साझा नहीं किए जाते, बल्कि केवल अधिकृत विभागों के समक्ष ही प्रस्तुत किए जाते हैं। फिर भी, आपके पत्राचार की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, हम आपको सुझाव देते हैं कि—
1. यदि आप प्रत्यक्ष रूप से विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया कांचीपुरम् स्थित पंचगव्य विद्यापीठम् पधारें। यहाँ हम औपचारिक साक्षात्कार की व्यवस्था करेंगे।
2. अन्यथा, जब भी हमारे किसी अधिकृत प्रतिनिधि का इंदौर भ्रमण होगा, हम आपसे पूर्व-संपर्क कर वहाँ संवाद का अवसर अवश्य उपलब्ध कराएँगे। हमें विश्वास है कि इस प्रकार का प्रत्यक्ष संवाद ही आपके प्रश्नों के संतोषजनक समाधान तथा निष्पक्ष रिपोर्टिंग का सर्वोत्तम मार्ग सिद्ध होगा। पत्रकारिता के सिद्धांतों के अनुसार एकपक्षीय अथवा अप्रमाणित सूचना का प्रकाशन दंडनीय अपराध है।
6 अक्टूबर 2025 के जवाब में हमने 8 अक्टूबर 2025 को लिखा –