नर्सों सहित पैरामेडीकल स्टॉफ भी हड़ताल जारी

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

जेपी-काटजू में 10 से अधिक ऑपरेशन टले, भोपाल से 3 हजार कर्मचारी हड़ताल पर
भोपाल। सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेगुलर नर्सों सहित फार्मासिस्ट एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की हड़ताल जारी है। मंगलवार को दूसरे दिन यह स्टॉफ अस्पताल में नहीं पहुंचा। जिसके चलते लगातार मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि किसी प्रकार की कोई व्यवस्था में दिक्कत नहीं है, हमारे द्वारा संविदा कर्मचारी एवं प्रशिक्षित छात्रों द्वारा व्यवस्था को संभाला जा रहा है।
वहीं शहर के मुख्य जेपी एवं काटजू अस्पताल में करीब 10 ऑपरेशन टल गए हैं। बता दें कि भोपाल से करीब 3 हजार स्टॉफ हड़ताल पर है।
जेपी अस्पताल के अधीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को हमारे यहां एक ऑपरेशन हुआ है हम संविदा कर्मचारी एवं प्रशिक्षण ले रहे छात्रों की मदद से व्यवस्था बनाए हुए हैं। वहीं काटजू अस्पताल के अधीक्षक पीके सिंह ने बताया कि हमारे यहां कर्मचारियों द्वारा व्यवस्था बनाई जा रही है वहीं मंगलवार को अभी तक दो ऑपरेशन हो चुके हैं। बता दें कि जेपी और काटूज में रोजाना क्रमश: 12 एवं 6 ऑपरेशन होते हैं।
भोपाल के 5 मुख्य केंद्र जिसमें जेपी और काटजू के अलावा अन्य स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं यहां अकेले भोपाल में हीं हड़ताल पर जाने वाली नर्सों की संख्या 350 के करीब है। वहीं संविदा नर्सों की संख्या इन पांचों केंद्र में 100 से भी कम है। जिसमें से लगभग 20 के करीब छुट्टी पर हैं।
इसलिए कर रहे हड़ताल
मध्य प्रदेश स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रवेश प्रवक्ता अंबर चौहान ने बताया हम अपनी दस सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इससे पहले हमने 41 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सरकार को दिया था, सोमवार से सरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर थीं। आज इनके साथ पैरामेडिकल स्टॉफ, फॉर्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन आदि भी शामिल है। इसके अलावा 52 जिलों में काम ठप्प पड़ा है। हम ग्रेड पे, नाइट एलॉउंस और नर्सिंग स्टूडेंट्स को स्टायपेंड आदि की मांग कर रहे हैं। अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो यह आंदोलन जारी रहेगा।
Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।