इंदौर में रोज शाम हो रही आंधी तूफान, नाला टेपिंग,बिजली की दिक्कत से जनता बेहाल

sadbhawnapaati
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ग्रीष्म ऋतु की विदाई के दिनों में खासकर मई माह में कुछ ज्यादा ही मौसम में परिवर्तन देखने को मिला। माह के अंत में शुरू हुए रोहिणी नक्षत्र यानी नौतपा जून के पहले सप्ताह तक कहीं से कहीं तक अपना असर नहीं छोड़ पाया। 9 में से 5 दिनों तक तापमान में गिरावट के साथ ही जोरदार बारिश भी हुई। गुरुवार को यहां पूर्वी क्षेत्र में आधा घंटा जोरदार बारिश हुई, वहीं पश्चिम क्षेत्र में सूखा रहा। ओले गिरने और आंधी के कारण कच्चे मकानों की चद्दर उड़ गई, वहीं कुछ जगह वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।

मौसम केंद्र के अनुसार आज का अधिकतम तापमान 33.8 डिग्री दर्ज किया गया है, जो कि अन्य दिनों की तुलना में 2 से कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 21.8 दर्ज किया गया है, जो कि अन्य दिनों की तुलना में 4 से कम है। मौसम केंद्र ने 24 घंटे के अंदर शाम को साढ़े 5 बजे तक जहां 5.6 मिमी बारिश दर्ज की थी, वहीं पूर्वी क्षेत्र में अनुमानित आधा इंच बारिश होना बताया गया है।
कच्चे मकान ज्यादा प्रभावित : दूसरी ओर गुरुवार का दिन विशेषकर पूर्वी क्षेत्र के लिए कहीं-कहीं संकट उत्पन्न कर गया है। करीब 70 किमी प्रति घंटे की गति से चली हवा का रुख कुछ अलग ही बदला हुआ था। इस तरह की हवा को झंझावात युक्त माना जाता है। आमतौर पर आंधी के साथ यदि झंझावात शामिल हो जाता है तो कच्चे मकानों, पेड़-पौधों और चद्दरों की टूट-फूट ज्यादा होती है।
आंधी के साथ बारिश : 4 से साढ़े 4 बजे के बीच तेज आंधी के साथ पूर्वी क्षेत्र में काले घने बादल छा गए। तिल्लौरखुर्द, बिहाड़िया, जामनिया, देवगुराड़िया, दूधिया, सात मिल, पालदा, पत्थरमुंडला, बिचौलीहप्सी, बिचौलीमर्दाना, विजयनगर, मांगलिया, निपानिया, खजराना, तिलक नगर, बड़ी ग्वालटोली, नवलखा, भंवरकुआं, राजेंद्र नगर, खंडवा रोड, राऊ, महू की ओर बारिश का असर ज्यादा हुआ।
भूरी टेकरी पर कहर : कनाड़िया क्षेत्र में भूरी टेकरी पर नगर निगम द्वारा गरीबों के लिए बनाकर दिए गए कच्चे मकानों की चदरें उड़ गई । इस दौरान चद्दरों के उड़ने और टूट-फूट के कारण महिलाओं और बच्चों के घायल होने की खबर है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस भी पहुंची और निगम के राहत दल ने प्रभावित लोगों को तिरपाल आदि देकर सहारा दिया। वहीं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी निरीक्षण कर प्रशासन से प्रभावितों को मुआवजा देने और मदद की मांग की है।
ग्रामीण क्षेत्र भी चपेट में :इसी तरह पालदा, चितावद, आनंद नगर, पत्थरमुंडला, बिचौलीहप्सी, देवगुराड़िया, पालदा आदि क्षेत्र में कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है। लोगों के घरों की छतों पर अस्थायी रूप से रखा गया सामान आदि भी आंधी में उड़ गया। वहीं कनाड़िया, सेमलियाचाउ, तेलीखेड़ी, हरनियाखेड़ी, रंगवासा, बिजलपुर मुंडी आदि जगह पर कुछ ज्यादा ही नुकसान हुआ है।

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शहरी क्षेत्र पर भी असर : दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में नवलखा, अग्रवाल नगर, टावर चौराहा, भंवरकुआं, ट्रांसपोर्ट नगर, माणिकबाग, सिंधी कालोनी, रूपराम नगर, मोतीतबेला आदि क्षेत्र में तेज आंधी के कारण होर्डिंग टूट-फूट गए, वहीं बैनर भी फट गए।
150 पेड़ गिरे : हालत यह थी कि करीब डेढ़ सौ से अधिक पेड़ धराशायी हुए हैं, जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र दोनों शामिल है। डीआईजी कार्यालय के सामने पेड़ गिरने से जहां 3 वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, बीआरटीएस, विजयनगर, भंवरकुआं, फिल्म कॉलोनी, छावनी, मूसाखेड़ी, रिंग रोड आदि क्षेत्र में भी पेड़ गिरने से वाहनों के क्षतिग्रस्त होने की खबर है।
ओलों ने डराया : वहीं आजाद नगर, डेली कॉलेज, चिड़ियाघर के पास, अहिल्या पुरी कालोनी, रेसीडेंसी इलाका, प्रकाश नगर, लालाराम नगर आदि क्षेत्र में अंटी के बराबर ओले गिरे। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि घर से बाहर निकले तो कहीं ऐसा न हो कि और बड़े ओले गिरे, जिससे नुकसान हो ।
मौसम केंद्र संशय में
मौसम केंद्र बारिश के माप को लेकर संशय की स्थिति में है। ये जगजाहिर है कि पश्चिम क्षेत्र में खासकर यदि मौसम केंद्र के आसपास बारिश नहीं होती है तो केंद्र मापन प्रक्रिया से वंचित रहता है। अभी भी केवल अनुमान अनुसार पूर्वी क्षेत्र में करीब आधा इंच बारिश होना बताया है, जो कि अधिकृत नहीं है।
नौतपा के 5 दिन बारिश
एक तरह से देखा जाए तो रोहिणी नक्षत्र याने नौतपा के 9 दिन 26 मई से शुरू हुए थे, जो 3 जून को समाप्त हुए हैं। 9 दिनों में से 5 दिन तो बारिश ही हुई है। वहीं अन्य दिनों में तापमान में गिरावट आई। ऐसे में लगा ही नहीं कि नौतपा कब शुरू
हुआ और कब खत्म हो गया।

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