Hukumchand Mill Indore News। हुकुमचंद मिल के श्रमिकों के खाते में भले ही अभी तक उनके हक का पैसा नहीं पहुंचा, लेकिन जमीन लेने वाले मध्य प्रदेश हाऊसिंग बोर्ड ने मिल की जमीन का कब्जा लेकर मालिकी हक का बोर्ड लगा दिया है। बोर्ड के अफसरों ने मिल की 42 एकड़ जमीन का सर्वे पर सवा सौ से ज्यादा अतिक्रमण और कब्जे चिन्हित किए है। जिन्हें अब हटाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए बोर्ड और नगर निगम के अफसरों की बैठक भी हो चुकी है। मिल की जमीन बिकने के बाद कुछ नए अतिक्रमण भी एक माह के भीतर हुए है।
बन गया मिल की जमीन पर मंदिर
30 साल तक मिल की जमीन लावारिस रही। इस कारण लोगों के अलग-अलग जगहों पर कब्जे कर लिए। मिल परिसर में बने तालाब के समीप एक मंदिर भी बन गया और उसके आसपास बाउंड्रीवाल भी बना दी गई। अफसरों ने मंदिर परिसर में भी कब्जे का बोर्ड लगा दिया है।
सड़क चौड़ी की तो मिल की जमीन पर कर लिया कब्जा
पांच साल पहले कुलकर्णी भट्टा रोड का चौड़ीकरण किया था। इसके अलावा एमआर-4 से रेलवे स्टेशन तक की रोड भी तब चौड़ी की गई थी। तब बाधक दुकानों को नगर निगम ने तोड़ा था। वहां से हटी दुकानें लोगों ने स्वदेशी मिल ब्रिज के नीचे हुकुमचंद मिल की जमीन पर लगा ली। उधर जिस ठेकेदार ने सड़क बनाई थी। उनसे सड़क की खुदाई का सैकड़ों टन मलबा मिल परिसर में ही फेंक दिया, जिसे हटाना अब हाऊसिंग बोर्ड अफसरों के लिए भी परेशानी भरा साबित हो रहा है। मिल की जमीन से झाडि़यां और पेड़ भी बोर्ड अफसर कटवा कर जमीन को समतल करेंगे। हाऊसिंग बोर्ड ने 480 करोड़ रुपये की कीमत चुका कर यह जमीन खरीदी है।