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टीकाकरण पर सबसे बड़ी पड़ताल
सरकार 8 टीके लगाती है, क्लिनिक पर 70 हजार तक के 14 टीके लगा रहे, ये स्टोर पर भी नहीं मिलते, डॉक्टर खुद खरीद कर दे रहे
सुनील सिंह बघेल
इंदौर | जीवन रक्षक दवाओं में 10 गुना तक एमआरपी डालकर हो रही मुनाफाखोरी का वायरस,अब मासूम बच्चों के वैक्सीनेशन तक पहुंच गया है।
सरकार चुनिंदा टीके ही मुफ्त लगा रही है, लेकिन उसके अलावा भी लगभग एक दर्जन से ज्यादा नई वैक्सीन आ गई हैं।
निजी अस्पतालों और पीडियाट्रिशियन के गठजोड़ ने बच्चों का वैक्सीनेशन का बिल 50 हजार से लेकर 70 हजार तक पहुंचा दिया है।
जबकि बाजार में इन सभी वैक्सीन की कुल कीमत 10 से 15 हजार के बीच भी नहीं है। बच्चों के वैक्सीन की कीमतों पर कोई नियंत्रण ना होने का फायदा उठाकर कहीं 100 रुपए में मिलने वाली वैक्सीन के 800 तक तो कहीं ₹ 500 में भी उपलब्ध वैक्सीन के वैक्सीन के लिए 4000 तक की वसूली हो रही है ।

वैक्सीनेशन के इस कारोबार में खरीदी कीमत और MRP में 3 से 5 गुना तक का अंतर है । पीडियाट्रिशियन द्वारा की जा रही मुनाफाखोरी को इसी बात से समझा जा सकता है कि, हेपेटाइटिस का जो टीका ₹180 तक में मिल जाता है उसके लिए ₹800 तक की वसूली हो रही।
कुछ ऐसा ही आलम स्वाइन फ्लू या टाइफाइड की वैक्सीन का है। 100 से ₹500 के बीच में मिलने वाले इन बीमारियों के वैक्सीन के लिए डॉक्टर ₹2200 तक ले लेते हैं।
मात्र ₹35 में आने वाले हेपेटाइटिस या ₹100 में भी मिलने वाले एमएमआर( मम्स,मीजल,रूबेला) के टीके के लिए ₹800 तक वसूली सामान्य बात है। विदेश जाने वाले बच्चों के लिए जरूरी मेनिगोकुक्कल वैक्सीन या काला बुखार का टीका 4500-5000 में लगता है जबकि इसकी एमआरपी 2000 के आसपास है।
नौ तरह की बीमारियों से बचाव के लिए सरकार बच्चों को मुफ्त में आठ टीके लगाती है, लेकिन निजी क्लिनिक पर शिशु रोग विशेषज्ञ 14 तरह के टीके लगा रहे हैं।
हालांकि परेशानी टीकों से नहीं है क्योंकि इनसे बच्चों को अन्य बीमारियों से भी बचाव में मदद मिलती है। दिक्कत इनके नाम पर हो रही मुनाफाखोरी से है। डॉक्टर तीन से पांच गुना कीमत पर ये टीके लगा रहे हैं।
डॉक्टर सीधे कंपनियों से खरीद कर क्लिनिक पर रख रहे हैं, जबकि कानूनी तौर पर उन्हें दवा बेचने का अधिकार ही नहीं है।
मुनाफाखोरी के कारण बच्चों का टीकाकरण निजी क्लिनिक में 50 से 70 हजार रुपए तक जा पहुंचा है। बाजार में इनकी कीमत बमुश्किल 10 से 15 हजार है।
सालाना 100 करोड़ का निजी टीकाकरण
निजी वैक्सीनेशन पर नियंत्रण नहीं होने से कहीं 100 रु. की वैक्सीन के 800 तो 500 की वैक्सीन के 4000 तक वसूले रहे हैं। दवा व्यापारियों के अनुसार सरकारी टीकाकरण के बावजूद निजी वेक्सिनेशन पर सालाना 100 करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहे हैं।
केमिस्ट की रेट लिस्ट में ही नेट प्राइस और एमआरपी में तीन से पांच गुना तक का अंतर है।
पेनलेस वैक्सीनेशन के नाम पर भी मुनाफाखोरी डॉ. अजय दोषी बताते हैं कि 700 की पेंटा वैक्सीन पेनलेस हो तो 3000 में पड़ती है, इसमें दर्द, बुखार नहीं होता। डॉ. अनुराग मितल कहते हैं कि सामान्य वैक्सीनेशन 28 से 30 हजार का होता है, पेनलेस 40000 में पड़ता है।
डॉक्टर्स ने कहा- एमआरपी पर टीके देते हैं, लगाने की फीस नहीं लेते
इंदौर में लगभग 280 रजिस्टर्ड शिशु रोग विशेषज्ञ है रिपोर्टर एक दर्जन से ज्यादा डॉक्टर्स के क्लिनिक पर पहुंचा तो ज्यादातर में एमआरपी पर ही टीकाकरण मिला जब डॉक्टर्स से होलसेल रेट पर खरीदकर एमआरपी पर टीके लगाने पर सवाल किया तो अधिकतर ने कहा कि हम टीका लगाने की फीस नहीं ले रहे हैं।
सीधे कंपनी से खरीदने पर सवाल उठाया तो उनका जवाब था स्टोर पर कोल्ड चेन मेंटन नहीं हो पाती इसलिए हम ही टीके रखते हैं। मुनाफाखोरी पर सवाल उठाया तो अधिकतर जवाब नहीं दे पाए।
सीधी बात डॉ. संजय रावत, अध्यक्ष पीडियाट्रिक एसोसिएशन
सरकार और निजी डॉक्टरों के टीकाकरण में काफी अंतर है?
सरकार बजट कॉमन बीमारी आदि देखती है, डॉक्टर अनकॉमन बीमारी के टीके भी रिकमेंड करते हैं।
गैरजरूरी टीके भी लगा रहे?
सभी टीके जरूरी है। कुछ विदेश जाने वालों के लिए जरूरी है।
डॉक्टर ही टीके बेच रहे हैं?
पेरेंट्स की सुविधा के लिए ही टीके रखते हैं, कोल्ड चैन मेंटेन रहे।
स्टोर कोल्ड चैन नहीं रखते?
बाहर से लाने में कोल्ड चैन डिस्टर्ब होती है, छोटे स्टोर में दिक्कत ज्यादा आती है। इससे वैक्सीन बेकार जाती है।
डॉक्टर महंगी दरों पर लगा रहे है टीके, बिल भी नहीं देते?
जिनके खुद के अस्पताल है तो बाकायदा बिल देते हैं, छोटे क्या करते हैं, कैसे बिल अरेंज करते हैं, मुझे नहीं पता ।
दवा बेचने का अधिकार ही नहीं
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के प्रावधानों के तहत, दवा बेचने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। डॉक्टर भी सिर्फ आपात स्थितियों के लिए जीवन रक्षक दवाएं रख सकते हैं। उन्हें मेडिसिन बेचने, उसका बिल आदि देने का अधिकार नहीं है।
कीमत 250 रुपए वसूल रहे 1800 तक
टीका – खरीदी – मूल्य वैक्सीनेशन कीमत
वेरीसिला – 1200-1500 2400
रोटावायरस – 250-350 1800
हेपेटाइटिस – ए 800-1200 2200
टाइफाइड – 100-700 2200
हेपेटाइटिस – बी 35-200 800
एमएमआर – 100-150 700
स्वाइन फ्लू – 800-900 1900
काला बुखार- 500-2000 4950
सर्वाइकल कैंसर( गर्ल्स) – 2100-2300 3500
निमोनिया(पीसीवी) – 1100-2800 3800
इनफ्लुएंजा( बूस्टर) – 7000-7500 10,500
रोटावायरस – 250-350 1800
हेपेटाइटिस – ए 800-1200 2200
टाइफाइड – 100-700 2200
हेपेटाइटिस – बी 35-200 800
एमएमआर – 100-150 700
स्वाइन फ्लू – 800-900 1900
काला बुखार- 500-2000 4950
सर्वाइकल कैंसर( गर्ल्स) – 2100-2300 3500
निमोनिया(पीसीवी) – 1100-2800 3800
इनफ्लुएंजा( बूस्टर) – 7000-7500 10,500