Religion news – महेश्वर में आयोजित होगा मालवा -निमाड़ के साहित्यकारों का वैचारिक महाकुम्भ

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साहित्य अकादमी व विश्व संवाद केंद्र का संयुक्त आयोजन “नर्मदा साहित्य मंथन” ४ ,५ व ६ मार्च को महेश्वर में 

महेश्वर। माँ अहिल्या की राजधानी ,नर्मदा के तट पर बसी ऐतिहासिक और अत्यंत सुन्दर नगरी महेश्वर में अनूठे वैचारिक महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है।

दरअसल साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश एवं विश्व संवाद केंद्र, मालवा संयुक्त रूप से त्रिदिवसीय “नर्मदा साहित्य मंथन” का आयोजन कर रहे हैं। यह आयोजन महेश्वर स्थित नर्मदा रिट्रीट में सम्पन्न होगा।

नर्मदा साहित्य मंथन के विषय में साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश के निदेशक डॉ विकास दवे एवं विश्व संवाद केंद्र मालवा के सचिव प्रणव पैठणकर ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया।

पत्रकार वार्ता में वक्ताद्वय ने बताया कि “नर्मदा साहित्य मंथन” एक तरह का लिटरेचर फेस्टिवल है। इस त्रिदिवसीय उत्सव में देश के स्वनामधन्य साहित्यकार, कवि, लेखक, पत्रकार, विषय विशेषज्ञ आदि विभिन्न सत्रों में मालवा -निमाड़ एवं सम्पूर्ण देश का विमर्श तैयार करने वाले विषयों पर सम्बोधित करेंगे।

नर्मदा साहित्य मंथन का उद्घाटन ०४ मार्च को सुबह १०:०० बजे होगा। उदघाटन सत्र लेखक व प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे नंदकुमार जी की अध्यक्षता एवं मध्यप्रदेश की संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर जी के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न होगा।

उद्घाटन सत्र के पश्चात सत्रों का सतत क्रम चलेगा, इन सत्रों में विभिन्न विषयों पर संवाद व वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। सत्रों का क्रम इस प्रकार रहेगा, सत्यता के मुखोटे में असभ्यता के कार्य विषय पर श्री प्रशांत पोल, जनजातीय क्षेत्रो में बढ़ते अलगाववादी षड्यंत्र विषय पर लक्ष्मण मरकाम, साहित्य का इतिहास बोध विषय पर श्री विजय मनोहर तिवारी जी, स्त्री विमर्श के भारतीय प्रतिमान विषय पर डॉ कविता भट जी, पटकथा लेखन पर सर्वश्री संजय जी मेहता, आज़ाद जैन जी व मनोज शर्मा जी, अनुसूचित जाति के प्रश्न और सामजिक उत्तरदायित्व पर पंकज जी सक्सेना अपने विचार रखेंगे। रात्रि कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।

इसी तरह अगले दो दिन भी विभिन्न विषयों पर सतत वैचारिक सत्रों व सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन रहेगा।

कार्यक्रम की सम्पूर्ण जानकारी, महेश्वर आने के लिए सुलभ मार्गो की जानकारी, कार्यक्रम की समय -सारणी इत्यादि सभी जानकारी  narmadasahityamanthan.in वेबसाइट पर उपलब्ध है।

त्रिदिवसीय इस महोत्सव की सभी जानकारी नर्मदा साहित्य मंथन तथा विश्व संवाद केंद्र मालवा के सोशल मीडिया प्लेटफार्म से प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में आने वाले सभी साहित्य प्रेमियों को पंजीयन करवाना अनिवार्य है।

नर्मदा साहित्य मंथन में आयोजित होने वाले सभी सत्रों का सीधा प्रसारण साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश एवं विश्व संवाद केन्द्र मालवा के फेसबुक एवं यूट्यूब पर होगा।

साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे जी ने बताया कि साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न आयोजन करती हैं किन्तु इस आयोजन की महत्ता बहुत अधिक है।

यदि कोई भी व्यक्ति कार्यक्रम के सत्रों के विषय और वक्ताओं की सूची को देखेगा तो वह सहज ही समझ जाएगा कि इस कार्यक्रम के कितने दूरगामी परिणाम होंगे।

हमने सत्र योजना करते हुए देश भर के साथ ही मालवा -निमाड़ के वह विषय जिनपर संवाद होना चाहिए, लेकिन किसी कारण से नहीं होता।

हमने ऐसे सभी विषयों पर सत्र रखने का प्रयास किया है, चाहे वह घुमन्तु समाज व अनुसूचित जातियों व जनजातियो के मध्य चल रहे षड्यंत्र हो अथवा साहित्य में उनकी विद्रूपता हो या फिर भारतीय समाज में नारी विमर्श जैसा महत्वपूर्ण विषय हो। लगभग ऐसे सभी महत्वपूर्ण विषयों पर हमने सत्रों की योजना की है।

विश्व संवाद केंद्र मालवा के सचिव प्रणव पैठणकर ने इस कार्यक्रम के लिए “महेश्वर ही क्यों चुना गया” इस बारे में कहा कि महेश्वर को लोकमाता अहिल्याबाई ने अपनी राजधानी के लिए चुना था।

महेश्वर अपने सौन्दर्य के सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। आजकल बहुत -सी फिल्मों की शूटिंग महेश्वर में होती हैं और सबसे विशिष्ट बात जिसके कारण साहित्य मंथन के लिए महेश्वर का चयन महत्वपूर्ण हो जाता है।

वह यह है कि इसी महेश्वर में कभी भगवान आदि शंकराचार्य एवं मण्डन मिश्र के मध्य शास्त्रार्थ हुआ था। उसी शास्त्रार्थ में से दुनिया को बहुत कुछ मिला है, “नर्मदा साहित्य मंथन” भी उसी तरह उपादेय हो यह भावना भी स्थान चयन में प्रधान है। साथ ही निमाड़ क्षेत्र में इस प्रकार के एक बड़े आयोजन की भी आवश्यकता दीर्घकाल से अनुभव हो रही थी।

प्रणव पैठणकर जी ने आगे विश्व संवाद केंद्र मालवा का लक्ष्य, उसके कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। प्रणव जी ने बताया कि हमारा लक्ष्य समाज में प्रचार संसाधनो के माध्यम से भारतहितेषी विमर्श खड़ा करना है।

नर्मदा साहित्य मंथन के समापन सत्र को साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ विकास दवे जी ०६ मार्च को दोपहर ०४ बजे संबोधित करेंगे जिसमे तीन दिवसीय उपलब्धियों एवं विमर्श के सत्व पर प्रकाश डालेंगे।

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