उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय करने से कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आ सकती है। इस बार ये तिथि 6 अक्टूबर, बुधवार को है। आगे जानिए इससे जुड़े उपाय.
1. यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित है तो सर्वपितृ अमावस्या पर किसी शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाएं और 108 बार ऊं नमः शिवाय का मंत्र जाप भी करें। इसके बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन का जोड़ा भी शिवलिंग पर चढ़ाएं।
2. सर्वपितृ अमावस्या पर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। हर मंत्र के बाद एक बिल्वपत्र भगवान शिव को जरूर चढ़ाएं अगर आप स्वयं न कर पाएं तो किसी योग्य विद्वान पंडित से भी ये काम करवा सकते हैं।
ऊँ हौं ऊँ जूं स: भूर्भुव: स्व: त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् भूर्भुव: स्वरों जूं स: हौं ऊँ
3. जन्म कुंडली में राहु और केतु की स्थिति के कारण कालसर्प योग का निर्माण होता है। इस दिन राहु-केतु का जाप और अनुष्ठान किसी योग्य पंडित से करवाएं, फिर गोमेद या फिर चांदी से बनी नाग की आकृति वाली अंगूठी पहनें। इससे भी काल सर्प दोष का निवारण होता है।
4. सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करके चांदी से बना नाग नागिन का जोड़ा प्रवाहित कर दें। इससे भी कालसर्प दोष दूर होता है।
5. किसी ऐसे शिवलिंग पर जहां पहले से नाग नहीं लगा हुआ हो, वहां पंच धातु का नाग लगवाएं। शिवलिंग का दूध, जल या पंचामृत से अभिषेक करें और नाग देवता को प्रणाम करें। इससे भी काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
6. सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या की सुबह स्नान आदि करने के बाद ॐ नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् का कम से कम 108 बार जाप करें। इससे भी काल सर्प दोष का असर काफी कम हो जाता है।
7. किसी योग्य पंडित से नदी के किनारे कालसर्प दोष मुक्ति और पितृ दोष मुक्ति के लिए पूजा करवाएं।