Religious News – इंदौर में गायों की ऐसी बदहाली, हर दिन यशवंत सागर पर 5 गायों की मौत 

sadbhawnapaati
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नगर निगम गायों को भरपेट घास तक नहीं दे रहा-  कहां गए गौ रक्षक हिंदू

Religious News. प्रातः स्मरणीय माता अहिल्या की नगरी इंदौर में गायों की ऐसी बदहाली कभी नहीं हुई होगी जैसी इन दिनों हो रही है। नगर निगम ने आवारा व बीमार गायों को शहर से बाहर यशवंत सागर पर ले जाकर पटक दिया लेकिन उनके चारे पानी की सुध नहीं ले रहा है।
यशवंत सागर पर 700 से ज्यादा गायों को रखा गया है। इतनी बड़ी संख्या में गायों को खाने के लिए मात्र एक टन घास दी जा रही है। गायों को भरपेट घास नहीं मिलने से ज्यादातर गायें सूखकर हड्डियों का ढांचा हो गई है। हर दिन पांच सात गायों की मौत हो रही है। नगर निगम अभी भंग है। आयुक्त और उपायुक्त को गांयों की चिंता करनी चाहिए लेकिन वे तो कभी शहर से बाहर गौशाला में झांकते तक नहीं है। गौशाला में हादसों की शिकार व बीमार गायें भी लाकर रखी जाती है। इनकी देखरेख के लिए 50 लाख रूपए खर्च कर अस्पताल बनाया गया लेकिन यहां गायों की सर्जरी का इंतजार नहीं है। दवाइयां हैं पर काबिल डॉक्टर नहीं है। 700 गायों की देखरेख मात्र 18 कर्मचारी करते हैं। डॉक्टरों के नाम पर दो डिप्लोमा कर रहे कर्मचारी मोहन परमार व सुरेश चौहान है। यहां के लिए एक पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश उपाध्याय की नियुक्ति की गई है लेकिन उनको इंदौर शहर से ही फुरसत नहीं है। अपर आयुक्त अभय रांझणगांवकर का कहना है जितनी घास गौशाला के लिए आती है वह भेज देते है। कमी का पता लगा है तो अब व्यवस्था करूंगा। डॉ. अखिलेश उपाध्याय ने कहा कि वे जयपुर में हैं, आने के बाद देखेंगे।
इंदौर में गौरक्षा के नाम पर कई हिंदू संगठन हैं जो कसाइयों के ट्रक रोककर गायों को छुड़ा तो लेते हैं लेकिन बाद में उनकी सुध नहीं लेते हैं। इंदौर नगर में धर्मवीर कहे जाने वाले कई ट्रस्ट हैं अगर वे ही गौशाला की व्यवस्थाएं देखें या गायों को भरपेट हरा घास ले तो यही सबसे बड़ा पुण्य होगा।
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