ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधिकारी ने दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम खरीदी थी संपत्ति, हुई राजसात

sadbhawnapaati
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विशेष न्यायालय ने सोमवार को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीक्षण यंत्री महेंद्र कुमार जैन की आय से अधिक संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए। पौने तीन करोड़ रुपये के लगभग बाजार मूल्य की यह संपत्ति जैन ने खुद के अलावा दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से खरीदी थी। खास बात यह है कि प्रभावित अधीक्षण यंत्री जैन की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है। लोकायुक्त कार्यालय को 2011 में सूचना मिली थी कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में पदस्थ अधीक्षण यंत्री महेंद्र कुमार जैन ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। प्रारंभिक जांच के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया। लोकायुक्त की टीम ने 9 अगस्त 2011 को जैन के ई-1 रेडियो कालोनी इंदौर स्थित निवास पर छापा मारा और अवैध संपत्ति के संबंध में दस्तावेज जब्त किए।

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जांच में यह भी पता चला कि जैन ने यह संपत्ति दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम से खरीदी थी। इस संपत्ति को राजसात करने के लिए लोकायुक्त कार्यालय ने एक आवेदन विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। सोमवार को विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने आवेदन स्वीकारते हुए जैन द्वारा अर्जित अनुपातहीन संपत्ति राजसात करने की अनुमति दे दी। शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने रखा। उन्होंने बताया कि राजसात होने वाली संपत्ति का बाजार मूल्य दो करोड़ 69 लाख 43 हजार 233 रुपये है।

इन संपत्तियों को राजसात करने का दिया आदेश

– स्कीम नंबर 54 विजय नगर इंदौर स्थित मकान (93 लाख 70 हजार)

– योजना क्रमांक 44 के श्री सिद्धार्थ नगर इंदौर में बिल्डिंग (71 लाख रु.)

– तिलक नगर में मकान (16.31 लाख) न सागर में एक मकान (8.27 लाख)

– एक स्कार्पियो वाहन (8.27 लाख)

– बैंक में सात लाख 33 हजार रुपये की एफडीआर

– बीमा पालिसियां 12 लाख 43 हजार

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