अवधेशानंद महाराज ने कहा- आजकल बहुत चल रहा है, डोनेशन और चैरिटी। यह छोटे शब्द हैं। उन्होंने कहा कि एलन मस्क, बिल गेट्स और वॉरेन बफेट का मैं भी सम्मान करता हूं, लेकिन अगर सच में चैरिटी सीखना है, तो भगवान परशुराम के चरणों में आएं।
जब-जब विश्व में अत्याचार और आतंक बढ़ा, तब-तब परशुराम ने दुष्टों का नाश किया है। उन्होंने एक-दो बार नहीं 21 बार धरती को दान दिया है। उनसे बड़ा दानी कौन हो सकता है।
अवधेशानंद गिरि महाराज 3 मई को परशुराम जयंती पर उनकी 21 फीट ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण करने के अवसर पर मौजूद थे।
इस मौके पर 5100 महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में कलश यात्रा भी निकाली। कलश यात्रा में परशुराम का रथ, मालवा के ढोल शहनाईयां विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुरेश पचौरी के अलावा कई राजनेता भी मौजूद रहे। मुंबई के प्रसिद्ध भजन सम्राट प्रमेंद्र चतुर्वेदी ने भजनों की प्रस्तुति दी।
हिंदू समाज के सामने बड़ा संकट
अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि हम हिंदू हैं। उसके बाद किसी जाति में होंगे। पहले हम हिंदू हैं। आज हिंदू समाज के सामने बड़ा संकट है, तो पहले हम हिंदू हैं, सनातनी हैं। हम पहले वैष्णव हैं।
हम पहले भारत माता की संतान पहले हैं। इसके बाद कुछ और भी हैं। जाति के साथ हम एक-दूसरे को नहीं जोड़ें। हम जातियों में न बंटे होते, तो फिरंगी और आतताई कब के हमें नष्ट करके चले गए होते।
जातियों का सौंदर्य है ही ऐसा, जो हम बचे रहे, समुदायों में बचे रहे। साहस के साथ बात कह रहा हूं। सब में परमात्मा एक ही है। इस दृष्टि से कह रहा हूं कि सभी जातियां समान हैं, सभी जातियां महान हैं।