इंदौर में मानवता की मिसाल: श्री एकाक्ष सामाजिक सेवा संस्था ने एक ही दिन में किए चार लावारिश शवों का अंतिम संस्कार

sadbhawnapaati
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इंदौर में बेसहारा और लावारिस शवों का सम्मानजनक अंतिम संस्कार करने के लिए समर्पित श्री एकाक्ष सामाजिक सेवा संस्था ने एक बार फिर मानवता की एक मिसाल पेश की है। संस्था के सेवाभावी सदस्यों ने गुरुवार को एक ही दिन में चार अज्ञात शवों का निःशुल्क अंतिम संस्कार कर समाज में करुणा और संवेदनशीलता का संदेश दिया।

इन चार मामलों में सबसे पीड़ादायक घटना एक दो दिन के नवजात शिशु की थी, जिसे निर्दयी परिजनों ने कनाडिया थाना क्षेत्र के मैदान में फेंक दिया था। दूसरी घटना में, बेटमा थाना क्षेत्र में एक अज्ञात महिला का शव मिला, जिसकी पहचान न हो पाने के कारण संस्था ने उसका अंतिम संस्कार किया। तीसरा मामला उज्जैन के रामघाट क्षेत्र की एक महिला का था, जिसकी पहचान के लिए संस्था ने सार्वजनिक सूचना भी जारी की, किंतु कोई परिजन सामने नहीं आया। चौथा शव एक अज्ञात पुरुष का था, जिसकी पहचान तीन दिन बाद उसकी भतीजी के द्वारा हुई, और फिर उसका अंतिम संस्कार परिवार द्वारा संस्था की सहायता से किया गया।

इन मामलों की जानकारी बेटमा थाना, पंडरीनाथ थाना, और एमवाय पुलिस से प्राप्त हुई। पोस्टमार्टम की औपचारिकताओं के पश्चात, संस्था ने दो शवों (एक पुरुष और एक महिला) का दाह संस्कार पंचकुइया मुक्तिधाम में किया, जबकि एक महिला और नवजात शिशु को पंचकुइया कच्चे श्मशान में दफनाया गया।

इस सेवा कार्य में श्री एकाक्ष संस्था के प्रमुख सदस्य नरेंद्र वर्मा, सुनील ठाकुर, विजय लोट, विवेक पिपले, सनी जैसवाल, प्रदीप गुर्जर, कृष्णा सोनी, धर्मेंद्र गेहलोत, रामगोपाल श्रीवास्तव और पुलिस चौकियों के जवानों की उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर शवों को मानवीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।

श्री एकाक्ष सामाजिक सेवा संस्था का यह कार्य न केवल समाज को एक दिशा देता है, बल्कि उन बेसहारा और लावारिस मृतकों को भी वह सम्मान प्रदान करता है, जिसके वे हकदार होते हैं। ऐसी सेवाएं समाज में करुणा, सेवा और संवेदना को जीवित रखने का कार्य करती हैं।

– रिपोर्ट: दैनिक सदभावना पाती
(प्राणियों में सदभावना हो)

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