लॉकडाउन के साइड इफेक्ट : ऑटो चालक ने इलाज के लिए कर्ज लिया मगर चुका नहीं पाया, की आत्महत्या

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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इंदौर। कोरोना काल ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। पिछले दो सालों के दौरान कोरोना से कई लोग प्रभावित हुए। अब जबकि कोरोना लगभग खत्म है मगर इसके साइड इफेक्ट अब भी सामने आ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसमें कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन में एक ऑटो चालक ने कर्ज लिया मगर चुका नहीं पाया। अवसाद में घिर गया और आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम मुकेश पिता कन्हैया जोशी (35) है। वह एरोड्रम क्षेत्र की विद्या सागर कॉलोनी में रहता था। घर के पास में खेत पर लगे पेड़ से फंदा बनाकर उसने फांसी लगा ली।
वह बुजुर्ग माता-पिता का इकलौता सहारा था। पुलिस के मुताबिक कर्ज को लेकर काफी समय से वह परेशान था। पिता शासकीय शिक्षक थे जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनकी पेंशन से घर चलता है, लेकिन मकान पर लोन है जिसकी किश्त भरने में दिक्कत आ रही थी।
मृतक मुकेश रिक्शा चलाता था। घर में पत्नी लता और एक बेटा व बेटी है। शुरुआती जांच में पता चला कि मुकेश लॉकडाउन के समय से कर्ज से परेशान था। कोरोना के दौरान उसने घर चलाने व बीमार मां-बाप के इलाज के लिए कर्ज लिया था। इसे वह चुका नहीं पा रहा था।
घर के मकान की किश्तें भी उसके पिता की पेंशन से चुका रहा था। लेकिन इसके बाद भी उसे घर चलाने में परेशानी आ रही थी। गाड़ी चलाने के दौरान भी घर का खर्च नहीं निकल पा रहा था।
इसके चलते उसने यह कदम उठा लिया। परिवार के लोगों का कहना है कि पिता के घर की पेंशन से ही कुछ समय से घर की किश्त भर रहे थे। पुलिस को मृतक के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन जांच में कर्ज की बात सामने आई।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।