SSR Case: सुब्रमण्यम स्वामी का दावा- Autopsy में जानबूझकर देरी की ताकि जहर पेट में घुल जाए |

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अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई जांच जारी है। सीबीआई अब तक सुशांत के घर पर काम करने वाले सभी लोग और उनके पूर्व अकाउंटेंट रजत मेवाती से पूछताछ कर चुकी है। इस बीच, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुशांत को जहर देने का आरोप लगाते हुए कहा कि हत्यारों और उनकी पहुंच की शैतानी मानसिकता धीरे-धीरे सामने आ रही है। ऑटोप्सी को जानबूझकर जबरन लेट किया गया, ताकि सुशांत सिंह के पेट में जहर घुल जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो जिम्मेदार हैं, उन पर नकेल कसने की जरूरत है।

इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने सुशांत की मौत का दुबई कनेक्शन बताया था। सोमवार को स्वामी ने ट्वीट कर लिखा था, “जैसे एम्स के डाक्टर्स को सुनंदा पुष्कर के पेट में असली जहर मिला था। वैसा श्रीदेवी और सुशांत के केस में नहीं हुआ। सुशांत ने मौत के दिन दुबई के ड्रग डीलर अयाश खान ने उनसे मुलाकात की थी? आखिर क्यों?” स्वामी ने एक और ट्वीट कर रिया चक्रवर्ती पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, अगर रिया चक्रवर्ती ऐसे बयान देती हैं, जिनका महेश भट्ट से हुई बातचीत से विरोधाभास हुआ तो सच्चाई तक पहुंचने के लिए उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा। सुशांत सिंह के परिवार के सदस्यों समेत स्वामी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सीबीआई जांच कर रही है। अभी तक सीबीआई ने सुशांत के करीबियों और हाउस स्टाफ से पूछताछ की है। हालांकि, अभी सुशांत की गर्लफ्रेंड से पूछताछ नहीं हुई है। इससे पहले 16 अगस्त को सुब्रमण्यम स्वामी ने सुशांत की मौत के मामले को बॉलीवुड का ‘वॉटरगेट’ और ‘वॉटर लू’ करार दिया था। उन्होंने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था, “सुशांत सिंह राजपूत की हत्या बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार के लिए वॉटरलू और वाटरगेट है। वॉटरगेट घोटाला अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन से जुड़ा था। यह घटना 70 के दशक की है। रिचर्ड निक्सन पर जासूसी कराने का आरोप लगा था। अमेरिका के अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने इस घटना को उजागर किया था, जिसके बाद निक्सन को इस्तीफा देना पड़ा था।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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