मप्र में दूसरा व्यापम घोटाला होने से रोकिए मुख्यमंत्री जी : कमलनाथ 

sadbhawnapaati
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* जिस अधिकारी के मोबाइल फोन में परीक्षा का पेपर आया है  उस पर कार्यवाही करें à
* भ्रष्टाचार को संरक्षण देने की नीति का तुरंत त्याग करें मध्य प्रदेश सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में लाखों नौजवान रोजगार और सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह परीक्षार्थी वर्षों से कड़ी मेहनत करने के बाद परीक्षा में बैठते हैं और योग्यतम उम्मीदवार चयनित होते हैं।
लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के मोबाइल फोन पर परीक्षा का प्रश्न पत्र पाया गया है, यह अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दागी कर्मचारी का संरक्षण करने के बजाए तत्काल मामले की जांच करानी चाहिए, ताकि परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो और मध्यप्रदेश में दूसरा व्यापम घोटाला होने की आशंकाएं समाप्त हों।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जारी बयान में यह बात कही।

कमलनाथ ने कहा कि आरोपी अधिकारी पर कार्यवाही करने की जगह घोटाले को उजागर करने वाले कांग्रेसी नेता और विसलब्लोअर पर एफआइआर कराई जा रही है।
यह सरासर कानून का उल्लंघन है और प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की नीति का परिचायक है। यह सीधे-सीधे चोरी और सीनाजोरी का मामला है। यह अत्यंत गंभीर मामला है।
मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 यदि ऑनलाइन थी, मोबाइल फ़ोन पूरी तरह वर्जित थे, तो 35 पेज का प्रश्नपत्र, आंसरशीट मोबाइल के स्क्रीनशॉट में लीक कैसे हुई?
कमलनाथ ने कहा कि गत वर्ष कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में भी अनियमितताओं, भ्रष्टाचार के चलते हुए चयन के प्रामाणिक विरोध के बाद परीक्षा केंसल हुई थी! क्या मुख्यमंत्री जी बताएंगे कि उसमें मुख्य सूत्रधार दंडित हो सके हैं?
कमलनाथ ने कहा कि व्यापम घोटाले के समय भी मुख्यमंत्री से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी का नाम सामने आया था। उस अधिकारी ने जिला कोर्ट भोपाल से अग्रिम जमानत ली थी।
लेकिन उसके बाद क्या कार्रवाई हुई? कमलनाथ ने कहा कि इस तरह के घोटालों के कारण ना सिर्फ छात्रों के भविष्य अंधकारमय हो जाता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि को दाग लगता है।
जिस तरह से व्यापम घोटाले और अब वर्तमान व्यापम 2 घोटाले में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर ही उंगलियां उठ रही हैं, उसमें सबसे पहली जरूरत यह है कि माननीय मुख्यमंत्री जी दागी कर्मचारी को तत्काल निलंबित करें और मामले की निष्पक्ष जांच करें।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा पर लगाए गए तमाम मुकदमे तुरंत हटाए जाएं। उन्होंने जो गंभीर सवाल उठाए हैं, उन पर तुरंत कार्यवाही की जाए और प्रदेश के बेरोजगारों को पारदर्शी तरीके से नौकरियां दी जाएं।
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