निगम में ऑनलाइन सिस्टम से आमजन को मिल रही राहत

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

तीस हजार से अधिक जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे मिले ,तकनीक ना जाने वाले हो रहे परेशान लॉकडाउन खुलने का इंतजार

इंदौर नगर निगम द्वारा तकनीक के तहत ऑनलाइन सिस्टम जब से लागू की है तभी से लगभग 30 हजार से अधिक जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे मिले हैं। हालांकि तकनीकी जानने वालों की संख्या अधिक नहीं है परंतु तकनीक न जानने वाले अधिक है। वैसे देखा जाए तो ऑनलाइन सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

बताया जाता है कि निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑनलाइन सेवा का उपयोग होने से देखा जाए तो जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की संख्या एकदम बढ़ गई है और देखा जाए तो बड़े पैमाने पर वैवाहिक पंजीकरण के मामले में ऑनलाइन सिस्टम अभी पूरी तरह से उपयोग में नहीं लिया जा रहा है परंतु जन्म प्रमाण पत्र से लाभ मिल रहा है। नगर निगम मुख्यालय से लेकर जोन पर जन्म प्रमाण पत्र के लिए लोग चक्कर लगाने पर मजबूर है परंतु अभी हाल ही में इस तरह की सेवाओं का लाभ लोगों को आसानी से ऑनलाइन मिल रहा है। बीते 5 महीने में ही 30 हजार से अधिक जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र लोगों ने ऑनलाइन प्राप्त किया है। अभी लॉकडाउन के चलते परेशानी थोड़ी जरूर है। वहीं कई लोग आज लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर सकते हैं। वैसे देखा जाए तो बड़े पैमाने पर लाभ तो मिल रहा है लेकिन अभी शादी का रजिस्ट्रेशन का लाभ बराबर नहीं मिल रहा है ।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

इसको लेकर भी निगम तैयारियां कर रहा है ताकि बड़े पैमाने पर वैवाहिक पंजीकरण का लाभ आम जनता को मिल सकता है। इस मामले को लेकर अधिकारियों को कहना है कि ऑनलाइन सुविधा से बेहतर लाभ जनता को मिल रहा है और घर बैठे ही लोग जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र निकाल पा रहे हैं। आज भी बड़ी संख्या में हजारों लोग ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन सुविधा नहीं समझते हैं इसलिए लॉकडाउन खुलने का इंतजार किया जा रहा है।

इसको लेकर अजीत कल्याणे ने बताया कि ऑनलाइन सुविधा का लोग लाभ ले रहे हैं लेकिन जो ऑनलाइन सेवा की जानकारी नहीं रखते उन्हें जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र लॉकडाउन खुलने के बाद ही नगर निगम से मिल सकता है।

 [/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।