प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात विकट हो गए हैं – शिवराज सिंह ,जाने कुछ मुख्य बातें

sadbhawnapaati
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 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ये कहना है की प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात विकट हो गए हैं । बुधवार को स्मार्टसिटी में पौधरोपण के बाद उन्होंने यह बात मीडिया से कही। दरअसल, सरकार भी अब मान रही है कि 30 अप्रैल तक स्थिति और बिगड़ने वाली है और यह बात हाल ही में सरकार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन में सामने आई है। इसके मुताबिक 30 अप्रैल को प्रदेश में एक्टिव केस 1.85 लाख हो सकते हैं, इनके लिए 50 हजार 43 बेड की जरूरत होगी, लेकिन 30% यानी करीब 17 हजार मरीजों को बेड नहीं मिल पाएंगे। 2500 से अधिक संक्रमितों को आईसीयू बेड की कमी रहेगी। इस प्रेजेंटेशन में तीन तरह के बेड की आवश्यकता बताई गई है।

800 टन ऑक्सीजन चाहिए, करार 670 टन के
इतने एक्टिव केस के हिसाब से ऑक्सीजन की व्यवस्था जुटाना भी लगभग असंभव है। सरकार ने अभी तक 670 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के करार अलग-अलग राज्यों के साथ किए हैं, लेकिन तब जरूरत 800 टन से अधिक की होगी।

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इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में 1900 आईसीयू, एचडीयू बेड चाहिए
इस प्रेजेंटेशन में तीन तरह के बेड की जरूरत बताई गई है। पहला- बिना ऑक्सीजन सपोर्ट वाले आइसोलेशन बेड, दूसरा- ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड और तीसरा- आईसीयू व एचडीयू बेड। भोपाल-इंदौर की हालत और बिगड़ सकती है। इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में ऑक्सीजन युक्त बेड व आईसीयू-एचडीयू बेड की करीब 1900 की आवश्यकता प्राइवेट सेक्टर में होगी।

दूसरी ओर कोरोना समीक्षा बैठक में बुधवार को तय किया गया कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन को हेलीकॉप्टर से प्रदेश में कहीं भी भेजा जाएगा। ऑक्सीजन को ट्रेन से लाने के प्रयास हो रहे हैं, क्योंकि आधा समय टैंकर की ट्रैकिंग में जा रहा है कि वह कहां तक पहुंचा।

कोरोना से निपटने की सलाह देंगे कैलाश सत्यार्थी
कोरोना से निपटने व इससे बनने वाली परिस्थितियों से उबरने बारे में सलाह देने के लिए 12 लोगों की समिति बनी है। इसमें नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के साथ माखनलाल पत्रकारिता विवि के कुलपति केजी सुरेश, डॉ. जितेंद्र जामदार के साथ अन्य लोग शामिल हैं। समिति के संयोजक स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव होंगे।

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