यज्ञ में आहुति डालने से देश को नहीं छू सकेगी कोरोना की तीसरी लहर – मंत्री उषा ठाकुर

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कोरोना की दूसरी लहर से भारत त्रस्त है और जगह-जगह तबाही के मंजर देखने को मिल रहे हैं. इस बीच अब कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी चर्चे तेज हो गए हैं. दावा किया जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों और युवा को अपना शिकार बना सकती है. ऐसे में सीएम शिवराज चौहान की सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की तरफ कोरोना की तीसरी लहर को हराने के लिए अजीबोगरीब समाधान दे दिया गया है.

शिवराज की मंत्री का अजीबोगरीब बयान

मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कह दिया है कि यज्ञ में आहुति देने से कोरोना की तीसरी लहर का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बयान मे कहा गया- तीसरी लहर के लिए हम जागृत हैं. बताया जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों पर असर डालेगी, उसके लिए हम ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मुझे भरोसा है कि इस तीसरी लहर से भी हम निपट लेंगे. आप सब से प्रार्थना करती हूं कि पर्यावरण की शुद्धि के लिए सुबह 10 बजे सब एक साथ आहुतियां डालें क्योंकि महामारी के नाश में अनादि काल से यज्ञ परंपरा को अपनाया गया है. यह यज्ञ चिकित्सा है, धर्मांधता नहीं है. हम सब दो-दो आहुतियां डालें और अपने हिस्से का पर्यावरण शुद्ध करें, तीसरी लहर हिंदुस्तान को छू नहीं पाएगी.

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कोरोना को लेकर कई अफवाह

वैसे शिवराज की ये मंत्री इससे पहले भी ऐसे ही बयानों की वजह से विवाद में भी फंसी हैं और उनका सुर्खियों में आने का सिलसिला भी जारी रहा है. कुछ समय पहले उषा ठाकुर ने दावा कर दिया था कि गाय के गोबर से बने कंडे पर घी लगाकर किए गए हवन से घर को 12 घंटे तक सैनिटाइज रखा जा सकता है. उनके उस बयान पर भी काफी बवाल काटा गया था. अब वो विवाद ठंडा पडता, उससे पहले अब ये यज्ञ वाला बयान दे दिया गया है. वैसे उषा ठाकुर से पहले देश के कई दूसरे नेता भी कोरोना को हराने के अपने नुस्खे बता चुके हैं. कोई अंधविश्वास में पड़ बयान दे रहा है तो कोई किसी वाट्स एप मैसेज के दम पर राय दे रहा है. इस वजह से कोरोना काल में कई ऐसी अफवाह फैल रही हैं जो सिर्फ अटकलों के बाजार को गर्म कर रही हैं और लोगों को और ज्यादा दुविधा में डाल रही हैं.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।