इंदौर। पचास लाख की आबादी को छू रहे इंदौर में नर्मदा का महंगा पानी व्यर्थ में बहाने वालों की संख्या लाखों में हैं। इन्हें अब पानी ढोलना बंद कर देना चाहिए। अपनी आदत सुधार लेनी चाहिए, क्योंकि अब स्मार्ट मीटर वह भी चिप वाले और कंट्रोल रूम में रीडिंग देने वाले लगाए जा रहे हें।
इंदौर के शंकरगंज, जिंसी, अशोक नगर, स्मृति नगर, कंडिलपुरा, खजूरी बाजार, मल्हारगंज, मुकेरीपुरा, जवाहर मार्ग, लोधी पुरा, बियाबानी, सुदामा नगर ऐसे मोहल्ले हैं जहां सबसे ज्यादा पानी ढोलकर कीचड़ फैलाया जाता है। अब इन मोहल्लों मंे रहने वालों को सावधान हो जाना चाहिए। पानी कितना उपयोग किया इसकी रीडिंग के लिए होलकर शासन काल से लेकर 1960-65 के दशक तक मीटर होते थे। नर्मदा आने के बाद मीटर का सिस्टम खत्म हो गया। बीते जमाने के पानी की गति को लोग बदल लेते थे लेकिन अब स्मार्ट मीटर लगेंगे जिन्हें छेड़छाड़ करने पर पकड़ में आ जाएगा।
अपर आयुक्त भव्या मित्तल ने बताया कि एक से छह इंच तक के कनेक्शनों पर सबसे पहले ऐसे मीटर लगाएं जाएंगे। 186 कनेक्शन पर लगाए जा चुके हैं। चिप के जरिये अपने आप रीडिंग हो जाती है। नगर निगम मीटर का खर्चा भी उपभोक्ता बिल से ही वसूलेगा। पानी के बदले कमाई में 900 कनेक्शन से 23 करोड़ रूपया ज्यादा मिला है। स्मार्ट सिटी में 24 घंटे नलों से पानी देने का काम होगा। इसके लिए भी मीटर लगाए जाएंगे। 700 नल कनेक्शन पर मीटर लगाए जाएंगे।