उमा भर्ती का सीएम शिवराज को अल्टीमेटम- शराबबंदी को लेकर 2 अक्टूबर को भोपाल में महिलाओं को एकत्र कर बड़ा आंदोलन करने के संकेत दिए

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती शराबबंदी को लेकर लगातार सक्रिय हैं। शराब दुकान पर पत्थर फेंकने से लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक को वे पत्र लिख चुकी हैं। बुधवार को उमा ने ट्वीट कर सीएम शिवराज को एक तरह से अल्टीमेटम दिया है। उन्हें 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। साथ उन्होंने भोपाल में महिलाओं को एकत्र कर बड़ा आंदोलन करने के संकेत भी दिए हैं।

बता दें कि उमा भारती बीते तीन-चार दिनों से लगातार ट्वीट के माध्यम से अपनी बात रख रही हैं। बुधवार को भी शराबबंदी को लेकर उन्होंने कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि मैं जब कल रात को ओरछा पहुंची, ओरछा के माथे पर लगा हुआ कलंक वह शराब की दुकान मेरे विरोध के बाद कुछ दिन बंद रहकर फिर खुल गई। लोगों में भारी आक्रोश है। मैंने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है कि वे भाजपा शासित सभी राज्यों के लिए एक जैसी जन हितैषी शराब नीति लागू करने का विचार करें।

उमा ने आगे कहा कि शिवराज जी ने  2018 के पहले के अपने कार्यकाल में कुछ ऐसी योजनाएं बनाई थीं। जिसका अनुशरण भाजपा शासित राज्यों एवं विपक्ष के शासित राज्यों ने भी किया था। उदाहरण के तौर पर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन। यह शिवराज जी की सरकार की नूतन पहल थी जिसकी सर्वत्र प्रशंसा एवं अनुशरण हुआ।

उमा भारती ने कहा कि शिवराज जी अपनी नई शराब नीति को वापस लेकर एक आदर्श जन हितैषी संशोधित शराब नीति प्रस्तुत कर सकते हैं। हो सकता है कि मध्य प्रदेश ही एक आदर्श शराब नीति के लिए मॉडल राज्य बन जाए। मेरा तो मध्यप्रदेश में शराब की दुकान के एवं आहातों के सामने अकेले खड़े हो जाने का अभियान 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा। यह अब शिवराज जी के हाथ में है कि वह 2 अक्टूबर का मध्य प्रदेश की महिलाओं का भोपाल में एकत्रीकरण हमारी सरकार के लिए धन्यवाद एवं आशीर्वाद के आयोजन में बदल जाए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।