उमा का रौद्र रूप : शराबबंदी का पत्थर फेंक किया आगाज, बीजेपी ने झाड़ा पल्ला, कांग्रेस ने की अनोखी मांग

sadbhawnapaati
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MP News. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का भोपाल में एक शराब की दुकान पर पत्थर फेंकते वीडियो वायरल हो रहा है।
खुद उमा ने शराबबंदी के खिलाफ अपने अभियान की ट्वीट करके पुष्टि की है। उमा के इस कदम को पार्टी ने जहां उनका निजी कदम बताया है वहीं कांग्रेस ने गृहमंत्री से ऐसे ही कदम उठाने की अनुमति मांगी है।
शराबबंदी के खिलाफ काफी लंबे समय से मुखर चल रही उमा भारती का रौद्र रूप रविवार को सामने आया। उमा भारती बीएचईएल इलाके भोपाल में पहुंची और वहां पर एक शराब की दुकान पर पत्थर मार कर बोतले फोड़ दी।
इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया “बरखेड़ा पठानी, आजाद नगर, बीएचईएल भोपाल, यहां मजदूरों की बस्ती में शराब की दुकानों की संख्या है जो कि एक बड़े आहाते में लोगों को शराब परोसते हैं।
मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराब पिए लोग उनकी तरफ मुंह करके लघुशंका करने के लिए खड़े होकर उन को लज्जित करते हैं। मजदूरों की पूरी कमाई इन दुकानों में फूँक जाती है।
यहां के निवासियों और महिलाओं ने आपत्तियां की, विरोध में धरने दिए क्योंकि यह दुकान सरकारी नीति के खिलाफ है। इसलिए प्रशासन ने हर बार बंद करने का आश्वासन दिया लेकिन कई साल हो गए यह नहीं हो पाया। आज मैंने प्रशासन को 1 हफ्ते के अंदर दुकान अहाता बंद करने की चेतावनी दी है।

उमा का शराब दुकान में पत्थर फेंक कर बोतल फोड़ते वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोल दिया।

कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट किया “5 राज्यों के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश में सत्ता संग्राम यानी मुख्यमंत्री की दावेदारी शुरू।
एक ने झाड़ू लेकर की सफाई… उमा भारती जी का शराब की दुकान पर पथराव हमला…. उमा जी, शराब बेचने वालों पर हमला नहीं बिकवाने वालों पर कीजिए। शुभकामनाएं।” एक और प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने लिखा “10 मार्च के बाद के परिणाम आना शुरु।
भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री की छुट्टी, उमा भारती ने शराब की दुकान के बहाने हाथों में पत्थर उठाए। नाम शराब की दुकान का, निशाना कहीं और ।श्रीमंत के भोपाल बंगले आने की तैयारी जोरों पर।”
वही सलूजा ने गृहमंत्री से इसी तरह का आंदोलन करने की अनुमति मांगी। हालांकि बीजेपी के प्रवक्ता डॉ हितेश वाजपेई ने इसे उमाजी का निजी कार्यक्रम बताया और कहा कि वे लगातार शराबबंदी के खिलाफ बात करती रही है यानी साफ तौर पर पार्टी ने इस कार्यक्रम से पल्ला झाड़ लिया।
हालांकि उमा के फेंके गए इस पत्थर की गूंज दिल्ली तक सुनाई देगी और मध्य प्रदेश की राजनीति में आने वाले दिन एक बार फिर हलचल भरे रहने वाले हैं।
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