अनलॉक इंदौर में लॉक कोचिंग संस्थाओं को खोलने की अनुमति देने की मांग उठने लगी है। शुक्रवार को इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन ने 7 महीने से बंद पड़े कोचिंग संस्थान और प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट को स्कूल, कॉलेज की तरह गाइड लाइन जारी कर शुरू करने की मांग सरकार से की। साथ ही कोचिंग संचालकों की 5 सूत्री मांगे भी सरकार के सामने रखी। उनका कहना है कि इन महीनों में 50 फीसदी कोचिंग संस्थान भवन का किराया नहीं भर पाने के कारण बंद हो चुके हैं। वहीं, करीब 5 लाख लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से बेरोजगार हो गए हैं। इंदौर कोचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर रवि दांगी का कहना है कि जिस प्रकार से अन्य शैक्षणिक संस्थाओं को अनुमति दी गई है। उसी प्रकार से गाइड लाइन बनाकर हमें भी अनुमति दी जाए। कोचिंग संस्थाओं को बंद हुए पूरे सात महीने हो चुके हैं।
यदि एक महीने और बंद रहे तो यह सेशन जीरो हो जाएगा। आने वाला बच्चा अब मार्च में ही आएगा। यह साल पूरी तरह से हमारे लिए जीरो घोषित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इंदौर में 5-6 हजार सहित पूरे प्रदेश में 35 हजार कोचिंग संस्थान बंद पड़े हैं। इन संस्थाओं पर मप्र के 5 लाख परिवार आश्रित हैं। लाखों परिवार कोचिंग संचालन से अपना जीवन-यापान कर रहे हैं। इसके अलावा कोचिंग संचालकों के लिए भी अब यह मुश्किल भरा हो गया है। 7 माह में 50 फीसदी कोचिंग संस्थान बंद इंदौर मप्र और देश में एजुकेशन का हब है, लेकिन 7 माह में 50 फीसदी कोचिंग संस्थान बंद हो चुके हैं। इसका कारण भवनों का किराया है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो कोचिंग संस्थान लगातार बंद होते जाएंगे। बच्चे और पालक अपने बच्चों को कोचिंग भेजने को राजी हैं। हमारे पास रोज फोन आते हैं पालकों की आप उन्हें तैयारी करवाइए। ऑनलाइन क्लास हमने शुरू किए हैं, लेकिन मप्र में 60 से 70 फीसदी बच्चे इससे असंतुष्ट हैं। दांगी के अनुसार कोचिंग संस्थान फीसों में भी रियायत देंगी। इंदौर में कोचिंग में लाखों बच्चे पढ़ने आते थे, जिससे स्टेशनरी, बुक स्टोर, नाश्ता पॉइंट, भोजनालय, टिफिन सेंटर जैसे रोजगार चलते थे, लेकिन कोचिंग बंद होने से ये भी बेरोजगार हो गए हैं। एसोसिएशन की पांच सूत्रीय मांग इंदौर कोचिंग ऑनर्स एसोसिएशन ने सरकार और जिला प्रशासन के सामने अपनी 5 सूत्री मांगों को रखते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों को तत्काल संचालित करने की अनुमति दी जाए। कोचिंग संस्थानों में 5 हजार से 10 हजार मासिक रूप से वेतनभोगियों को आर्थिक मदद दी जाए। 2 सालों तक कोचिंग संस्थानों को शासकीय टैक्स से मुक्त किया जाए। सरकार और प्रशासन अनुपयोगी शासकीय भवन कम दरों पर कोचिंग संचालकों को उपलब्ध कराए। सरकार विभिन्न विभागों में लंबित भर्तियां निकाले।
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