किसान आंदोलन के 100 दिन: किसानों का संकल्प- 500 दिन भी लग जाएं तो भी कृषि कानून वापस कराकर ही लौटेंगे

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कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। आज शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए हैं। आज इस आंदोलन के 100वें दिन भी देश के किसान इन तीन कृषि कानूनों को वापस करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अन्नदातओं को नमन किया है।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]उन्होंने ट्वीट करके कहा कि हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। किसान आंदोलन -100 दिन अन्नदाताओं के संघर्ष को नमन।

गौरतलब है कि आंदोलन को और मजबूत करने में पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य किसान जुटे हुए हैं। दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों की संख्या में कोई कमी न आए, इसके मद्देनजर लगातार किसान बॉर्डर का रुख कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसानों का जत्था पंजाब के अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हो गया है।

अमृतसर से दिल्ली बड़ी संख्या में किसान रवाना, सर्द रातों को काटने के बाद गर्मी में आंदोलन को धार देने की तैयारी

गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्त राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है। टिकैत के इस बयान से यह जाहिर होता है कि बिना मांगें मनवाए बिना वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।

किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो रहे हैं, क्या इस मौके पर कोई खास तैयारी की जा रही है, इस पर अवतार सिंह कहते हैं, हम तारीखें या दिन नहीं गिन रहे, किसी का बर्थडे नहीं है, हम तो यहां तब तक हैं जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, और इसमें 100 क्या 500 दिन भी लग जाएं तो हम हटने वाले नहीं हैं।[/expander_maker]

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