मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच 10वीं का रिजल्ट CBSE की तर्ज पर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बनाने सहमत बन गई है। ये निर्णय एमपी बोर्ड परीक्षाओं को लेकर सोमवार को औपचारिक बैठक में लिया गया। इससे पहले बैठक में चर्चा की गई, 10वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट दूसरे राज्यों यानी महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली में सीबीएसई बोर्ड के स्कूल में एडमिशन लेते हैँ, इसलिए भविष्य को ध्यान में रखकर ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया, पिछले साल एमपी बोर्ड के रिजल्ट के आधार पर स्टूडेंट को अन्य राज्यों में एडमिशन मिलने में दिक्कत आई थी। ऐसे में अब सीबीएसई की तर्ज पर रिजल्ट तैयार करने पर सहमति बनी है, लेकिन अंतिम निर्णय जल्दी लिया जाएगा।
इधर, मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि बैठक में कक्षा 12वीं की परीक्षा को लेकर फिलहाल फैसला नहीं हुआ है। जल्द ही अगली बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें कक्षा 12वीं की परीक्षा को लेकर निर्णय होगा।
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बता दें कि 12वीं की परीक्षाएं जून माह में कराने की तैयारी है। यह परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन? इसका निर्णय होना बाकी है। हालांकि परीक्षा ऑफलाइन ही होने के संकेत मिल रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जनरल प्रमोशन किसी भी हाल में नहीं देंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर 30 अप्रैल के बजाय जून के पहले सप्ताह से आयोजित करने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन यह परीक्षाएं किस पद्धति से होंगी, अभी तक यह तय नहीं हो पाया है।
एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं 12वीं के परीक्षार्थी लंबे समय से परीक्षाओं को ओपन बुक से करने या जनरल प्रमोशन से पास करने की मांग कर रहे हैं उनका कहना है कि कोरोनाकाल में उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है
वर्तमान कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों के हित में सरकार जल्दी फैसला ले।
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