पेड़ कटेंगे तो बढ़ेगा प्रदूषण: मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए इंदौर में 1240 पेड़ों पर खतरा

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विशेष संवाददाता

इंदौर | महात्मा गांधी मार्ग पर ट्रेजर आयलैंड से लेकर एयरपोर्ट तक प्रस्तावित मेट्रो परियोजना के लिए अब हरियाली पर खतरे की घंटी बज चुकी है। इस मार्ग पर बनने वाले मेट्रो स्टेशन और सब-स्टेशन के लिए नगर निगम ने हाल ही में 1240 पेड़ों को हटाने की अनुमति दे दी है। इनमें से 1012 पेड़ों को ट्रांसप्लांट (स्थानांतरित) किया जाएगा जबकि शेष 228 पेड़ों की सीधे कटाई की जाएगी।

रीगल तिराहा क्षेत्र सबसे प्रभावित

इस प्रक्रिया से रीगल तिराहा, एसपी ऑफिस और अहिल्या लाइब्रेरी परिसर के पुराने, विशाल वृक्ष प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों की हरियाली न केवल शहर के पर्यावरण को संतुलित रखती है, बल्कि पक्षियों के कलरव और छायादार वातावरण से लोगों को मानसिक शांति भी प्रदान करती है।

वायु गुणवत्ता पहले ही संकट में

गौरतलब है कि रीगल तिराहा क्षेत्र में ही वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित है, जहां पहले से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंताजनक स्तर पर है।
• जनवरी 2025 में यहां 11 दिन AQI 190 से ऊपर रहा।
• फरवरी 2025 में 20 दिन AQI 100 से ऊपर दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र की हरियाली में कमी आई, तो AQI लगातार 150 से 200 के बीच बना रह सकता है, जो आमजन के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

घनी बसाहट, व्यस्त ट्रैफिक और हरियाली पर चोट

महात्मा गांधी मार्ग, सुभाष मार्ग और जवाहर मार्ग – ये तीनों पुराने इंदौर की प्रमुख सड़कें हैं। इनमें एमजी रोड पर एकांगी यातायात व्यवस्था और घनी आबादी पहले से ही मौजूद हैं। ऐसे में पेड़ों की कटाई से विशेषकर रीगल तिराहा से बड़ा गणपति तक वायु प्रदूषण और तापमान में वृद्धि की आशंका जताई जा रही है।

विशेषज्ञ की चिंता

पर्यावरणीय मामलों के जानकार डॉ. ओ.पी. जोशी का कहना है कि, “हरियाली में कमी से न केवल स्थानीय पर्यावरण असंतुलित होगा, बल्कि मनुष्यों और पक्षियों का प्राकृतिक सह-अस्तित्व भी प्रभावित होगा।”

लेखक :
डॉ. ओ. पी. जोशी

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