इंदौर में 1,552 संक्रमित मिले, एक दिन में बढ़े 629,अस्पतालों में बिस्तरों का प्रबंध करने में स्वास्थ्य विभाग विफल

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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शहर में सोमवार को कोरोना विस्फोट हुआ। अब तक एक दिन में सबसे ज्यादा 1552 नए कोरोना मरीज मिले और छह लोगों की मौत हो गई। पिछले साल पूरे अप्रैल महीने में करीब 1400 मरीज मिले थे, लेकिन इस बार एक दिन में ही उससे ज्यादा मरीज सामने आ गए हैं। हालांकि सोमवार को रिकॉर्ड सैंपल जांचे गए। अब तक एक दिन में सर्वाधिक 8553 सैंपल की जांच हुई।

पॉजिटिव रेट बढ़कर 18 फीसदी पर पहुंच गया है। 5 से 12 अप्रैल के सात दिनों का औसत पॉजिटिव रेट 15 फीसदी हो गया है।

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स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में अस्पतालों में गंभीर संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध होने के दावे किए जा रहे है। हकीकत यह है कि शहर के कई अस्पतालों में गंभीर संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर ही उपलब्ध नहीं हैं, जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर दिन जो अस्पतालों की सूची तैयार की जा रही है, उसमें 32 फीसद बिस्तर खाली होने का दावा किया जा रहा है। हर दिन अस्पतालों में बिस्तर उपलब्धता की जो सूची बनाई जा रही है, उसमें भी कई खामियां हैं। जिन अस्पतालों में आईसीयू व अन्य बिस्तर उपलब्ध नहीं हैं, वहां बिस्तर भी उपलब्ध होने की जानकारी दी जा रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।