लेडी टीचर के प्रेमजाल में फंसा 19 साल का स्टूडेंट, आरोपों से परेशान होकर किया सुसाइड

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sadbhawnapaati
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Indore News in Hindi। शहर में प्राइवेट कोचिंग क्लास में इंग्लिश पढ़ाने वाली महिला टीचर के प्रेमजाल में फंसे 19 साल के बी फार्मा स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया। इससे पहले महिला टीचर ने उसे ब्लैकमेल किया और जब स्टूडेंट ने बात मानने से इनकार कर दिया तो पुलिस से शिकायत कर दी। स्टूडेंट के घर वालों का आरोप है कि, पुलिस ने पूछताछ के नाम पर हिरासत में लिया और 45000 रुपए लेने के बाद छोड़ा। एफआईआर दर्ज नहीं करने और दोनों पार्टियों के बीच समझौता करवाने के बदले में 3 लाख रुपयों की मांग की गई। इसके कारण तनाव की स्थिति बन गई और इसी तनाव के कारण छात्र ने सुसाइड कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, गौरव पुत्र राजू हाड़ा (19 साल) भागीरथपुरा का रहने वाला था। बी. फार्मा का स्टूडेंट था। मंगलवार रात को उसकी छोटी बहन ने उसे फंदे पर लटके देखा। इसके बाद पिता को सूचना दी। परिजन नजदीकी अस्पताल ले गए। यहां से एमवाय हॉस्पिटल भेज दिया गया, जहां डॉक्टरों ने गौरव को मृत घोषित कर दिया। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई करेगी।

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परिवार द्वारा बताया गया कि, ‘गौरव ने 11 महीने पहले इंग्लिश की कोचिंग जाना शुरू किया था। इंग्लिश पढ़ाने वाली टीचर उससे तीन-चार साल बड़ी है। गौरव का टीचर से अफेयर हो गया। संबंध गहराने के बाद टीचर उसे अलग-अलग तरह से ब्लैकमेल करने लगी। वह गौरव को दूसरी लड़कियों से बात करने से रोकने-टोकने भी लगी। उससे कई बार हजारों रुपए लिए। पिता ने एक बार रुपए चुराते पकड़ा तो गौरव ने बताया कि टीचर उसे ब्लैकमेल कर रही है।’ उनका कहना है कि टीचर ने गौरव को रेप केस में फंसाने की धमकी दी। इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर मैसेज किए। फिर गौरव की शिकायत करने थाने पहुंच गई। गौरव के पिता का आरोप है कि महिला थाने में गौरी तिवारी और कौशल्या मैडम ने 3 लाख रुपए मांगे थे। हमने उनको गौरव और टीचर के बीच की मोबाइल चैट बताना चाहा, लेकिन उन्होंने नहीं देखी।

दूसरी तरफ, महिला थाने की टीआई कौशल्या चौहान ने कहा, ‘रेप की शिकायत का मामला थाने आया था। दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया था। थाने में किसी भी पक्ष से पुलिस ने पैसे नहीं लिए हैं। आरोप झूठे हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।