प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट से 2 की मौत, 2 साल की मासूम में भी पाया गया वेरिएंट..राज्य में अलर्ट जारी

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मध्यप्रदेश के उज्जैन में कोरोना के डेल्टा+ से एक मौत की पुष्टि के बाद अशोकनगर के एक व्यक्ति की मौत भी डेल्टा+ से होने का मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति की मौत हुई है, वह लंबे समय से भोपाल में रह रहा था। यहीं पर संक्रमित हुए और मौत हो गई। उनके आधार और दस्तावेजों में अशोकनगर का पता दर्ज है। कलेक्टर अभय वर्मा ने इसकी पुष्टि भी की है। अब बात दोबारा उठने लगी है कि प्रशासन वाकई मौतों को छुपा रहा है। अब सवाल है कि इस मौत को प्रशासन कहां दर्ज करेगा? अशोकनगर या भोपाल?

अशोकनगर निवासी नितिन जैन भोपाल में रहते हैं। कोरोना की दूसरी लहर में वे भोपाल में संक्रमित मिले। यहां अस्पताल में भर्ती किया गया। यहां 13 मई को मौत हो गई। इसके बाद उनका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में उनमे कोरोना के डेल्टा+ वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

कलेक्टर अभय वर्मा ने बताया, नितिन जैन भोपाल और अशोकनगर दोनों जगह रहते थे। चूंकि वे मूल रूप से अशोकनगर के निवासी थे, इसलिए आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में पता अशोकनगर का ही दर्ज है।

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4 मरीज ठीक हो चुके हैं

राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई, मप्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 में से 4 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आए हैं। इसे लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में डेल्टा प्लस से एक मौत हुई है।

इसमें सामने आया है, जिन्हें वैक्सीन लग चुकी थी, वो डेल्टा प्लस को भी हराने में कामयाब हुए। सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से उज्जैन में एक मरीज की मौत हुई, उनको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। बाकी चार मरीजों को पहले टीके लग चुके थे और अब वे स्वस्थ हैं।

मध्यप्रदेश समेत 3 राज्यों को सतर्क रहने की सलाह

केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। यानी की इसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मध्यप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र सरकार को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। राज्य सरकार को केंद्र द्वारा अलर्ट करने के एक दिन बाद भी ग्राउंड पर काम कर रहे डॉक्टरों को कोई दिशा निर्देश ही नहीं मिले हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।