2 wheelers पर घट सकता है GST, वित्त मंत्री बोलीं- Luxury Item या अहितकर सामान नहीं है दुपहिया वाहन |

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि टूव्हीलर न तो विलासिता का सामान है और न ही यह अहितकर सामान की श्रेणी में आता है. इसलिये इस पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) दर में संशोधन का मामला बनता है. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ हुई बैठक में सीतारमण ने कहा कि दुपहिया वाहन पर जीएसटी दर में संशोधन के मामले पर जीएसटी परिषद की बैठक में गौर किया जायेगा.

सीआईआई की ओर से जारी वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है. – वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से भी बाद में इसे जारी किया गया. दुपहिया वाहनों पर वर्तमान में 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगता है. बयान में कहा गया है, ‘‘दुपहिया वाहनों पर जीएसटी दर को कम करने के सवाल पर सीतारमण ने आश्वासन दिया कि यह सही मायनों में अच्छा सुझाव है क्योंकि वाहन की यह श्रेणी न तो भोग विलासिता की श्रेणी में आती है और न ही यह अहितकर वस्तु की श्रेणी में आती है, इसलिये इसमें दर में संशोधन का मामला बनता है. इस मुद्दे को जीएसटी परिषद के समक्ष रखा जायेगा.’’ पिछले साल देश की सबसे बड़ी टूव्हीलर मैन्युफैक्चरर कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने सरकार से दुपहिया वाहन श्रेणी में जीएसटी दर में चरणबद्ध तरीके से कमी लाने का आग्रह किया था. इसकी शुरुआत 150 सीसी की मोटरसाइकिल को जीएसटी के 18 फीसदी स्लैब में लाकर की जा सकती है. एएमआरजी एण्ड एससोसियेट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि मोटरसाइकिल, मोपेड और मोटर लगी साइकिल पर सबसे ऊंची 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है. देश के लाखों मध्यम वर्गीय परिवार के लिए आज दुपहिया वाहन मूलभूत जरूरत बन गया है. लेकिन जीएसटी के मामले में इसे भी तंबाकू, सिगार, पिस्तौल जैसी अहितकर वस्तुओं की श्रेणी में रखा गया है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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