पाकिस्तानी एजेंसियों के हनीट्रैप में फंसी 2 महिलाएं, सेना की जानकारी साझा करने के आरोप

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मध्य प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि दो महिलाओं और एक पुरुष को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर हनीट्रैप में फंसाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया। दोनों पर पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के आरोप हैं। सेना, पुलिस अधिकारियों और अन्य एजेंसियों द्वारा सेना की जानकारी एकत्र करने और उसे पाकिस्तान भेजने के संदेह में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
आईजी हरिनारायण चारी मिश्र के मुताबिक महू आर्मी कैंट एरिया में दो महिलाओं और एक पुरुष को संदेह के आधार पर पकड़ा गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। कुछ तथ्य मिले हैँ। पूछताछ और तथ्यों की पुष्टि के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इनसे कुछ गैजेट्स भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

बताया जाता है कि ये पिछले काफी दिनों से पाकिस्तान में किसी के संपर्क में थीं और यहां सैन्य छावनी के बारे में जानकारी पहुंचा रहीं थीं। कुछ दिन पहले ये महिलाएं रोड पर चलते हुए पाकिस्तान में फोन पर बात कर रही थीं। इस दौरान सेना के गोपनीय विभाग ने इनकी फ्रीक्वेंसी पकड़ ली।

इसके बाद से इन पर लगातार नजर रखी जाने लगी। चार दिन पहले भोपाल से इंटेलिजेंस ब्यूरो, एटीएस तथा स्थानीय आर्मी इंटेलिजेंस की टीम ने इनके घर पर गोपनीय तरीके से दबिश दी थी। इसके बाद यहां लगातार कई गाड़ियां आती रहीं और लोगों को शक हुआ। इसके बाद खबर उजागर हुई। अब नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) भी इनसे पूछताछ कर सकती है।

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जानकारी के मुताबिक इन बहनों के नाम कौसर और हिना हैं। दोनों से लगातार पूछताछ की जा रही है। इनके पास से मिले लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं। बताया जाता है कि इन्हें मारीशस से फंडिंग हो रही थी। इनके पिता सेना में नौकरी कर चुके थे और बाद में इंदौर में एसबीआई की एक शाखा में सुरक्षाकर्मी भी रहे। उनकी मृत्यु हो चुकी है। दोनों बहनें कई जगह नौकरी कर चुकी हैं। वे कहीं भी ज्यादा दिनों तक नहीं रहतीं थीं। हिना महू में बिजली कंपनी में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करती रही। ऐसा बताया जाता है कि ये कई जगहों पर काम करके अलग-अलग जानकारियां एकत्रित करती थीं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।