स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से 3 योजनाओं को किया बाहर, राज्य सरकार की ओर से आपत्ति के बाद अब हुआ निगम के अधीन

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sadbhawnapaati
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इंदौर । शहर से लेकर प्रदेश भर में जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समर्थकों का जलवा है और उसी कड़ी में पूर्व महापौर व वर्तमान विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 की विधायक मालिनी गौड़ का भी प्रशासनिक अमले पर दबदबा रहा है।

इसी दबदबे के चलते उनके द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत ही दशहरा मैदान स्थित बाउंड्री वाल का काम शुरू करवाया तो फूटी कोठी क्षेत्र में में करोड़ों रुपए की लागत से एक गेट का निर्माण आधा करवा दिया तो विश्रामबाग का भी काम शुरू करवा दिया था। अब उक्त तीनों प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी योजना से बाहर हो गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अब एक बार फिर से निगम के अधीन उक्त प्रोजेक्ट के जाने से परेशानी बढ़ गई है। पहले जितना आसान नहीं रहा और अब दोनों तीनों ही प्रोजेक्ट एक तरह से देखा जाए तो लंबित हो गए हैं।

नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहद न केवल खराब है बल्कि कई निगम का दिन चलने वाले प्रोजेक्ट पर भी बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। हालत यह है कि 300 करोड़ से अधिक ठेकेदारों को भुगतान करना है और दीपावली जैसा त्यौहार नजदीक आ रहा है और ऐसे में निगम के अधीन काम करने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट के ठेकेदार अपने भुगतान के लिए भी तकादा लगातार लेखा विभाग में लगा रहे हैं।

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ऐसे में एक तरह से देखा जाए तो जिस तरह से फिजूलखर्ची पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में निगम की ओर से कराई है उसको देखते हुए अब एक बार फिर से जिस योजना और मदद से यहां काम हो रहा था वह न केवल निरस्त हो गया बल्कि जो प्रोजेक्ट शुरू हुए थे वह फिर से निगम के अधीन चला गया है।

इसमें राज्य सरकार के 1 पर अधिकारी ने आपत्ति जताते हुए इसे स्मार्ट सिटी योजना से ही बाहर कर दिया है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ों रुपए की लागत से वैसे शहर में कई काम हो रहे हैं। इसी कड़ी में फूटी कोठी रोड स्थित विश्रामबाग का कायाकल्प भी होकर यहां पर बड़े पैमाने पर काम हो रहा था।

इसी के आगे एक बड़ा गेट का निर्माण भी चल रहा था , वही दूसरी और दशहरा मैदान स्थित राजपूताना की तरह एक सुरक्षा दीवार भी करोड़ों रुपए की लागत से बन रही थी। इसी बीच राज्य सरकार की आपत्ति के बाद इन प्रमुख योजनाओं को नगर निगम के अधीन पुनः कर लिया गया है। राज्य सरकार की आपत्ति के बाद प्रमुख योजनाओं को स्मार्ट सिटी योजना से बाहर कर दिया गया है।

स्मार्ट सिटी के तहत शुरू हुई इन 3 योजनाओं पर एक नजर

1. विश्रामबाग स्थित रणजीत हनुमान मंदिर के आगे हैं जहां पर तकरीबन 10 से 11 करोड़ की लागत से यहां पर एक बेहतर स्विमिंग पूल निर्माण का काम शुरू हुआ था।

2. फूटी कोठी चौराहे के पहले तकरीबन 3 करोड रुपए की लागत से यहां पर एक आधुनिक गेट बनाया जा रहा था जिसे राजपूताना स्टाइल में निर्माण कार्य चल रहा था। अब यहां 3 करोड रुपए की लागत से इस तरह के आधुनिक गेट की आवश्यकता नहीं थी |
3. इसी तरह बताया जाता है कि दशहरा मैदान पर तकरीबन 9 करोड रुपए की लागत से सुरक्षा दीवार के साथ-साथ यहां पर आकर्षक ट्रैक एक और के हिस्से पर सड़क के निर्माण के साथ-साथ सत्संग भवन धर्मशाला का निर्माण भी होना था  इतने बड़े पैमाने पर राशि खर्च करने के साथ ही राजपूताना स्टाइल में सुरक्षा दीवार का काम लगभग पूरा होने की ओर है लेकिन सड़क का काम अधूरा छोड़ दिया गया हैसंदीप सोनी, सीईओ स्मार्ट सिटी योजना  का कहना है  :  दरअसल एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य सरकार के प्रमुख सचिव व अफसरों से चर्चा चल रही थी और इसी के दौरान दशहरा मैदान विश्रामबाग और फूटी कोठी स्थित निर्माणाधीन गेट के मामले में स्मार्ट सिटी योजना से बाहर करने के निर्देश नियम के तहत दिए गए थे इसलिए इसे फिर से नगर निगम के अधीन सौंप दिया है। उक्त तीनों योजनाएं स्मार्ट सिटी योजना के दायरे से बाहर है।

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