अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद ही हुए विस्फोट
चंडीगढ़। पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य में पिछले साल पटियाला में हुई हिंसा से लेकर वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के उभरने और हाल ही में स्वर्ण मंदिर में तीन कम तीव्रता वाले तीन विस्फोटों वाली घटना देखी। अमृतसर में यहां तक कि विपक्ष कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने में असमर्थ होने के लिए सरकार पर निशाना साधता रहा।
आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने कहा कि निश्चित रूप से कोई गहरी साजिश है और विवरण बहुत जल्द स्पष्ट हो जाएगा। मैं इस समय किसी को दोष नहीं देना चाहता, लेकिन जरूर कोई साजिश है। पटियाला की हिंसा हो, देवी तालाब मंदिर की हिंसा हो, अमृतपाल का घटनास्थल पर आना, उसकी गतिविधियां और उसकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद सिलसिलेवार धमाके होना।
डीजीपी गौरव यादव पहले ही संकेत दे चुके हैं। पुलिस अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए विस्फोटों के आरोपियों से पूछताछ करेगी और हम सभी को पता चल जाएगा। पंजाब पुलिस ने इससे पहले दिन में स्वर्ण मंदिर के पास कम तीव्रता वाले विस्फोटों के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। ताजा विस्फोट बुधवार आधी रात को गुरु राम दास इन बिल्डिंग के पीछे, स्वर्ण मंदिर के आसपास के मार्ग और पार्क गलियारा में हुआ। 6 मई को धर्मस्थल के पास एक हेरिटेज स्ट्रीट पर एक कम तीव्रता का विस्फोट हुआ था।
दूसरा विस्फोट पहले विस्फोट के 30 घंटे से भी कम समय में उसी क्षेत्र में हुआ था। यादव ने कहा कि विस्फोटों के पीछे के मकसद का अभी पता नहीं चल पाया है। उन्होंने कहा कि हम जांच करेंगे कि क्या गिरफ्तार आरोपी स्व-कट्टरपंथी मॉड्यूल का हिस्सा हैं या किसी अन्य व्यक्ति के इशारे पर काम करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी। यहां तक कि विस्फोट भी आप सरकार को गहरी नींद से नहीं जगा सके। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि शनिवार की रात हुए पहले विस्फोट के बाद दरबार साहिब के आसपास सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई।
पुलिस को शक है कि यह एक आईईडी विस्फोट था। बिगड़ती कानून व्यवस्था के प्रति सीएम की प्राथमिकताओं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1200 सुरक्षा गार्ड उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा कर रहे हैं, जबकि 2500 पुलिस कर्मी जालंधर जिले की 25 लाख आबादी की रक्षा कर रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता अर्शप्रीत खडियाल ने कहा कि आप अनुभवहीन है। राज्य में कोई कानून और व्यवस्था नहीं है। उन्हें इन विस्फोटों की जांच का आदेश देने से कौन रोक रहा है।