सामान्य तौर पर हर माह एक बार पूर्णिमा और एक बार अमावस्या होती है लेकिन इस बार एक ही माह में दो बार आसमान में पूरा चांद खिल रहा है। मुंबई के नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे ने बताया, ’30 दिन के महीने के दौरान ब्लू मून होना दुर्लभ है।’ 30 दिन वाले महीने में पिछली बार ब्लू मून 30 जून, 2007 को हुआ था।
ऐसा अगली बार 30 सितंबर 2050 को होगा। उन्होंने कहा कि 31 दिन वाले महीने में ऐसा पिछली बार साल 2018 में हुआ था। उस दौरान पहला ‘ब्लू मून’ 31 जनवरी जबकि दूसरा 31 मार्च को हुआ। इसके बाद अगला ‘ब्लू मून’ 31 अगस्त 2023 को होगा।
उन्होंने कहा कि चंद्र मास की अवधि 29.531 दिनों अथवा 29 दिन 12 घंटे 44 मिनट और 38 सेकंड की होती है, इसलिए एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा होने के लिए पहली पूर्णिमा उस महीने की पहली या दूसरी तारीख को होना चाहिए।
ब्लू मून का रंग से कोई संबंध नहीं :
अरविंद परांजपे ने कहा कि ब्लू मून का आशय यह नहीं है कि इस दिन चांद नीले रंग का दिखाई देगा, इसका रंग से कोई लेना-देना नहीं है। यह तो सिर्फ महीने में दूसरी बार दिखाई देता है, इसलिए उसे ब्लू मून कहा जाता है।
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