कोरोना से 15 दिन में 50 से अधिक मौत होने से बिजली विभाग में अफरा तफरी, अधिकारी कर रहे हौसला अफजाई

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sadbhawnapaati
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कई इंजीनियर से लेकर बाबूओ का भी हुआ निधन

इंदौर । पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पोलोग्राउंड में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन दिनों मैदानी अमले का हौसला अफजाई की जा रही है, इसके लिए लगातार मैदान में काम करने वाले कर्मचारी से लेकर इंजीनियरों से चर्चा कर उन्हें काम के लिए भी राजी किया जा रहा है तथा हिम्मत बढाने का काम लगातार इन दिनों चल रहा है।

पिछले मात्र 15 दिनों में 50 से अधिक बिजली कर्मियों की कोरोना से मौत बाद से ही बड़े पैमाने पर मैदानी अमले के कर्मचारी से लेकर अधिकारी छुट्टी पर जा रहे हैं, तो कई लोगों ने छुट्टी के लिए एप्लीकेशन दे रखी है ।

इन सबको देखते हुए और बिजली सुचारू रूप से उपभोक्ताओं को सप्लाई करने के लिहाज से कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अब कर्मचारियों से लेकर इंजीनियरों से चर्चा करना शुरू कर दी है और रोजाना उनका हौसला बढ़ाया जा रहा है ताकि बिजली सप्लाई का काम सुचारू रूप से चल सके।

अभी हाल ही में शहर अधीक्षण यंत्री कार्यालय में दो बाबू सहित कुछ कर्मचारियों का निधन हो गया तो वहीं 4 से 5 इंजीनियरों की कोरोना से निधन होने के बाद कर्मचारियों में एक तरह से घबराहट हो गई है।

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यही कारण है कि इन दिनों कर्मचारी से लेकर अधिकारी में भी लगातार मैदान से गायब रहने या फिर छुट्टी लेने का क्रम जारी है और एक तरह से घबराहट फैली हुई है ।

इसको देखते हुए अधिकारी द्वारा लगातार मैदानी अमले से रोजाना दिन में कई मर्तबा चर्चा कर उनका हौसला बढ़ाया जा रहा है।

बिजली कंपनी के शहर अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव ने बताया कि बीते मात्र 15 से 20 दिनों में ही 50 से अधिक कर्मचारियों का कोरोना से निधन हो जाने के बाद कर्मचारियों में एक तरह से घबराहट फैल गई है। हम लोग रोजाना कर्मचारियों से चर्चा कर हौसला बढ़ा रहे हैं। वहीं मैदानी अमले में स्टाफ की कमी आ गई है तो कई लोग छुट्टी की चर्चा भी कर रहे हैं लेकिन हम लोग रोजाना बातचीत करते हुए उनकी परेशानियों को भी देख रहे हैं और हौसला भी बढ़ा रहे हैं । मेरे कार्यालय में ही दो बाबू की मृत्यु होने के साथ-साथ कई इंजीनियर का भी कोरोना से निधन हो गया है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।