वुमन सेफ्टी :इन प्लेटफॉर्म्स पर जाकर महिलाएं कुछ ही मिनटों में पा सकती हैं मदद |

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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महिला सेफ्टी को लेकर सोशल पुलिसिंग के साथ सरकार भी आगे आई है। मदद के लिए महिलाएं ऑनलाइन ही संपर्क कर सकती हैं। कई एप्लीकेशन भी आ गए हैं, जिन्हें सावधानी के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश में महिलाओं के साथ पिछले साल 54 हजार अपराध दर्ज किए गए। औसतन देखा जाए, तो प्रदेश में महिलाओं के साथ रोजाना 149 अपराध हो रहे हैं। ऐसे में विमेंस सेफ्टी को लेकर हर तरफ से आवाज उठती रही है।

प्रदेश सरकार ने  [expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]    पुलिस के माध्यम से महिलाओं की मदद के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं। जिन पर महिलाएं कभी भी और कहीं से भी शिकायत कर सकती हैं।

महिला हेल्प लाइन
मध्यप्रदेश के किसी भी गांव-कस्बे की महिला टोल फ्री नंबर 1090 पर कॉल करके राज्य महिला हेल्प लाइन पर मदद ले सकती हैं। इसके अतिरिक्त लोकल पुलिस द्वारा 1091 नंबर भी जारी किया है। वी केयर फॉर यू और लोकल वाट्सऐप नंबर भी हैं, जिस पर शिकायत की जा सकती है।

भोपाल के लिए 1090, 1091, 2420026, 2443801 नंबर हैं।

इंदौर की महिलाएं 1091, 2522111, वाट्सऐप- 7049124445 नंबर हैं।

ग्वालियर में 1091, 7049110100, वी केयर ऑफ यू 7049112018 वाट्सऐप – 7049110100 पर मदद ले सकती हैं।

पुलिस का एप –
महिलाओं की मदद के लिए पुलिस ने MPeCop नाम से एप लांच किया है। यहां महिलाएं सीधे शिकायत दर्ज करा सकती हैं। यहां पर तमाम तरह की पुलिस सेवाओं की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है।

ऊर्जा डेस्क –
पीड़ित महिलाओं को तत्काल मदद मुहैया कराने के लिए प्रदेश के 180 पुलिस थानों में ऊर्जा (अर्जेंट रिलीफ एंड जस्ट एक्शन) डेस्क बनाई गई। इस डेस्क में महिला पुलिस अधिकारी ही कार्य करती हैं। इसका मकसद पीड़ित महिलाओं को तत्काल कार्रवाई के माध्यम से फौरन न्याय दिलाना है।

सीएम हेल्प लाइन –
सीएम हेल्प लाइन में सीधे फोन नंबर 181 डायल कर शिकायत की जा सकती है। यहां कहीं से भी कभी भी कॉल कर सकते हैं। ये शिकायत संबंधित विभाग या थाने में भेज दी जाती है। इसकी निगरानी खुद मुख्यमंत्री करते हैं।

महिला आयोग –
महिलाएं सीधे महिला आयोग के ऑफिस पहुंचकर भी शिकायत कर सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं संबंधी अपराध में आयोग सूचना मिलने पर खुद संज्ञान लेता है और संबंधित विभाग या थाने से पूरी जानकारी लेकर कार्रवाई भी करता है।

रोचक बात : अंग्रेजों के जमाने में खुला था MP का पहला महिला थाना –
मध्यप्रदेश में पहला महिला पुलिस थाना 10 अगस्त 1987 को भोपाल में खुला था। इसके अलावा इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रतलाम, रीवा और सतना में भी महिला थाना हैं। यहां महिलाएं कभी भी शिकायत कर सकती हैं। महिला थाने में थाना प्रभारी महिला अधिकारी ही होती है।[/expander_maker]

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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