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कमजोर कानून व्यवस्था: उपद्रवियों के बढ़ते हौसले, सिपाही पर हमला पुलिस के लिए चेतावनी

 

सहकारिता विभाग की लापरवाही उपद्रवियों को बढ़ावा देने वाला सिस्टम?

Indore News in Hindi। शहर में कानून व्यवस्था और सहकारिता विभाग की लापरवाही ने मिलकर उपद्रवियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। गत दिवस हुए ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में पुलिस पर हमला करने वाले सभी पांचो आरोपी कल्याण संपत गार्डन बिल्डिंग के निवासी हैं। यह वही बिल्डिंग है, जिसका प्रबंधन सहकारिता विभाग के पास है, लेकिन वहां बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किराएदार रखे जा रहे हैं। इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था पर, बल्कि सहकारिता विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या है मामला?

सोमवार रात ड्रिंक एंड ड्राइव चेकिंग के दौरान सिपाही सोनू गुर्जर ने एक कार (एमपी 09 जेड यू 5230) को रोका। चालक जैकब डिक्रूज नशे में पाया गया, जिसके बाद कार जब्त की गई। कार में बैठी पूनम शुक्ला ने इसका विरोध करते हुए अपने परिचितों को बुला लिया। कुछ ही देर में एक्सयूवी (एमपी 09 जेड एल 5554) से तीन युवक आए और सिपाही की गाड़ी रोककर उससे झूमाझटकी करने लगे। इन युवकों ने न केवल गालियां दीं, बल्कि सिपाही को चोटिल भी किया। घटना के वायरल वीडियो ने मामले को और गंभीर बना दिया।

कल्याण संपत गार्डन बिल्डिंग का विवादित इतिहास :-

सूत्रों से पता चला है कि आरोपी पूनम शुक्ला, प्रशांत गोठी, आयुष गोठी, राहुल ग्रोवर और अमय शुक्ला कल्याण संपत गार्डन बिल्डिंग के निवासी हैं। यह बिल्डिंग पहले से ही विवादों में घिरी हुई है। यहां की सोसायटी में लाखों का घोटाले के आरोप लगे है और सोसायटी को भंग कर दिया गया है अभी इसपर सहकारिता विभाग के प्रबंधन में होने के बावजूद यहां बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किराएदार रखे जा रहे हैं। बिल्डिंग में रहने वाले लोगों का कहना है कि सहकारिता विभाग के प्रशासक की लापरवाही के चलते यहां अपराधी प्रवृत्ति के लोग रहने लगे हैं। बिना वेरिफिकेशन के किराएदार रखने से बिल्डिंग की सुरक्षा खतरे में है।

वरिष्ठ अधिकारियों का रवैया :-

इस मामले में पुलिस ने तेजी दिखाते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनकी दोनों गाड़ियां जब्त की। लेकिन सवाल यह है कि सहकारिता विभाग की इस लापरवाही पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई है?

यह घटना सिर्फ ड्रिंक एंड ड्राइव का मामला नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और कमजोर कानून व्यवस्था का बड़ा उदाहरण है। सहकारिता विभाग और पुलिस प्रशासन को मिलकर कार्रवाई करनी होगी, ताकि इस तरह के उपद्रवी तत्वों पर लगाम लगाई जा सके।

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