हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शनि और मंगल अशुभ फल दे रहे हो तो हनुमानजी की पूजा करने से उनकी समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। शनि की साढ़ेसाती-ढय्या और मंगल दोष निवारण के लिए हनुमानजी से जुड़े कुछ उपाय करने चाहिए। ये उपाय इस प्रकार हैं.
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1. मंगलवार और शनिवार को किसी हनुमान मंदिर में जाएं और वहां बैठकर 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें इससे मंगल और शनि से जुड़े कष्ट दूर होते हैं।
2. यदि जन्म कुंडली में मंगल या अंगारक दोष हो तो 11 मंगलवार तक हनुमान जी को पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से चोला चढ़ाएं। इससे परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं।
3. शनि की साढ़ेसाती या ढय्या से परेशान हैं तो प्रत्येक शनिवार को हनुमान मंदिर में शाम के समय स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनकर जाएं और आटे के पांच दीपक मंदिर में बैठकर ही बनाएं और उन्हें हनुमानजी के समक्ष प्रज्जवलित करें।
4. जीवन की परेशानियों को कम करने के लिए हनुमान अष्टक का पाठ करें या ऊं हं हनुमते नम: मंत्र की पांच माला जाप करें। हनुमानजी को गुड़-चने का भोग लगाएं और अपने संकटों से मुक्ति की प्रार्थना करें।
5. नवग्रहों की शांति भी हनुमान जी की पूजा करके की जा सकती है। इसके लिए हनुमानजी को प्रतिदिन एक लोटा जल अर्पित करें और उनकी प्रतिमा से सिंदूर लेकर अपने मस्तक पर लगाएं।
6. सूर्य की मजबूती के लिए हनुमानजी को प्रत्येक मंगलवार को गुड़हल के फूलों की माला अर्पित करें।
7. सफलता पाने के लिए हर मंगलवार या शनिवार को हनुमान मंदिर में बैठकर सुंदरकांड का पाठ करें।
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