Davv Entrance Exam : सीईटी पर फैसला अभी नहीं, जानें कारण

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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आइएमएस, आइआइपीएस, ईएमआरसी, ला, कामर्स, कम्प्यूटर साइंस, सोशल साइंस, जर्नलिज्म सहित अन्य 12 विभागों से संचालित 38 कोर्स में दाखिले के लिए सीईटी होती है,जिसमे करीब 2300 सीटों पर दाखिला होता है और तक़रीबन 15-20 हजार आवेदन आते हैं लेकिन दो साल से परीक्षा नहीं करवाई जा रही है। संक्रमण की वजह से पिछले साल भी मेरिट आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था। कोर्ट में सत्र 2021-22 में परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देने की बात कहीं, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने से फिर एक बार सीईटी को लेकर संकट खड़ा हो गया है। बीते दिनों कुलपति डा. रेणु जैन ने विभागाध्यक्षों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली। जहां अधिकांश विभागाध्यक्ष ने सीईटी पर जोर दिया और तर्क दिया कि सीबीएसई और एमपी बोर्ड ने अभी 12वीं की परीक्षा को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।

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अगर परीक्षाएं नहीं होती है तो यूटीडी में मेरिट आधार पर प्रवेश देना मुश्किल होगा। वहीं परीक्षा होने पर 15 अगस्त से पहले रिजल्ट आना संभव नहीं है। इसके चलते विवि में प्रवेश सितंबर से पहले शुरू नहीं हो सकते है। अब दोनों ही स्थिति में विश्वविद्यालय को प्रवेश परीक्षा करवाना होगी। कुलपति डा. रेणु जैन ने भी सुझाव दिया कि शपथ पत्र लेकर विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा में बैठा सकते हैं ताकि सत्र समय पर शुरू हो सके। अधिकारियों के मुताबिक ऑनलाइन पध्दति से परीक्षा करवाने पर विचार किया जा रहा है। कुलपति डा. रेणु जैन ने बताया कि कोरोना की स्थिति और 12वीं की परीक्षा को देखने के बाद सीईटी पर फैसला किया जाएगा। जून में इसके लिए विभागाध्यक्ष और एडमिशन सेल की बैठक बुलाई जाएंगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।