इंदौर में मंगलवार को शिकायत के बाद जांच के लिए संगम नगर क्षेत्र के संगम नगर हॉस्पिटल पहुंची प्रशासन की टीम को वहां अजीब ही नजारा देखने को मिला। एक मरीज के बेटे ने शिकायत की थी कि इलाज के लिए उनसे रोजाना 50 हजार रुपए लिए जा रहे हैं, मेडिक्लेम होने के बाद भी उन्हें बिल तक नहीं दिया जा रहा है। आईसीयू के रोज 25 हजार और दवाइयों के 20 हजार मांग रहे हैं। अन्य खर्च अलग। किस मद में कितना शुल्क लेने की जानकारी मांगी जा रही है तो वह भी नहीं बता रहे हैं।
उधर, कार्रवाई के दौरान अस्पताल में बीएचएमएस (होम्योपैथ) काम करते नजर आए। अस्पताल प्रबंधन कोई जवाब नहीं दे पाया।
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न योग्य डॉक्टर और न नर्सें प्रशिक्षित, सवालों के जवाब नहीं दे पाए
जब टीम जांच के लिए पहुंची तो वहां कोई एमबीबीएस या एमडी डॉक्टर नहीं था। बीएचएमएस (होम्योपैथी) काम करते नजर आए। नर्सें भी प्रशिक्षित नहीं थीं। टीम ने उनसे सामान्य सवाल पूछे तो वे उसका भी जवाब नहीं दे पाईं। जब शिकायतकर्ता के मरीज के बिल देखे तो तीन दिन के 75 हजार रुपए लिए गए। इसके अलावा 43 हजार का बिल अलग दिया गया। बिल में आईवी सेट की दो अलग-अलग दरें लिखी थीं। एक बार 206 और एक बार 126 रुपए वसूले गए। ग्लव्स के नाम पर 1200 रुपए लगाए गए। मरीज आईसीयू में था या नहीं, यह भी साफ नहीं हो पाया।
ज्ञात हो की बीएचएमएस डॉक्टर को एलोपैथी प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं है फिर भी शहर के अधिकांश अस्पतालों में ड्यूटी डॉक्टर के रूप में यही कार्यरत है | प्रशासन इस और ध्यान ही नहीं देता |
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