कोरोना महामारी और बारहवीं की परीक्षा पर संशय होने के कारण बच्चे काफी तनाव में हैं अधिकांश 12वीं के विद्यार्थी परीक्षा के विरोध में है ट्विटर फेसबुक पर विद्यार्थियों का विरोध साफ देखा जा रहा है एक छात्र ने लिखा, जब लाखों छात्र और उनके माता- पिता परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं तो आप परीक्षा का आयोजन करके हमारी भावनाओं के साथ क्यों खेल रहे हैं दिल्ली सरकार ने भी CBSE 12वीं की परीक्षा आयोजित करने का विरोध किया है.
वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बच्चों में बेचैनी और डर के इस माहौल को दूर करेगा। इसके लिए बोर्ड ने दसवीं-बारहवीं के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के लिए टेली-काउंसलिंग की शुरुआत की है। इस टेली काउंसलिंग के माध्यम से वह अपनी समस्याओं व जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। इसके लिए टोल-फ्री नंबर 1800118004 जारी किया गया है।
सीबीएसई ने सोमवार से इस टेली काउंसलिंग सेवा की शुरुआत कर दी है। इस पर देशभर से 83 विशेषज्ञ व 24 प्रिंसिपल छात्रों व उनके अभिभावकों की शंकाओं, परेशानियों व तनाव संबंधी सवालों को लेकर काउंसलिंग करेंगे। विद्यार्थी और अभिभावक सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इससे पहले बोर्ड ने मई की शुरुआत में सीबीएसई दोस्त फॉर लाइफ एप की शुरुआत की थी। उसकी सफलता के बाद ही बोर्ड ने अब टेली काउंसलिंग सेवा की शुरुआत की है।
हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले विद्यार्थियों के तनाव को दूर करने के लिए इस तरह से काउंसलिंग की शुरुआत की जाती है। महामारी के दौरान सीबीएसई कई कदम उठा चुका है जिसमें मानसिक स्वास्थ्य व वैलनेस पर मैनुअल तैयार करना व सीबीएसई दोस्त फॉर लाइफ एप शामिल है। इनके माध्यम से विद्यार्थियों, शिक्षकों व अभिभावकों की मदद की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए दसवीं की परीक्षाएं पहले ही रद्द की जा चुकी हैं। दसवीं में विद्यार्थियों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर होना है। जबकि बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। कोविड की दूसरी भयावह लहर को देखते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकारें इसको लेकर मंथन कर रही हैं। इस सप्ताह तक इस पर कुछ फैसला होने की संभावना है।