इंदौर. सरकार द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। गर्मी में जनता कर्फ्यू के दौरान शहर की छतों ने सूरज की किरणों से काफी बिजली बनाई है। इस दौरान भरपूर गर्मी रही और प्रतिदिन सूरज की किरणें साढ़े बारह घंटे तक मौजूद होने से सौर ऊर्जा से बिजली बनने का काम काफी तेजी से चला।
इंदौर, उज्जैन, महू, पीथमपुर, देवास, रतलाम आदि शहरों में 1700 छतों ने 4 करोड़ रु. को उत्पादित कीमत की बिजली बनाई है। अकेले इंदौर शहर के 1100 घरों में सोलर ऊर्जा से बिजली बन रही है। प्रदेश में सबसे ज्यादा रूफ टॉप सोलर एनर्जी पर काम इंदौर क्षेत्र में हुआ है। अंचल के 1700 स्थानों पर सोलर पैनल के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान इंदौर शहर की 1100 छतों से 40 लाख यूनिट और अंचल की छतों से कुल 65 लाख यूनिट बिजली उत्पादित हुई है।
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बारिश के समय बादल और ठंड के दिनों में दिन छोटे होने के कारण सोलर बिजली का उत्पादन 40 प्रतिशत घट जाता है। बारिश में सूरज कई दिनों तक बादलों में लुकाछुपी करता है। शीतकाल में सूरज की किरणों को उपलब्धता नौ से साढ़े नौ घंटे ही रहती है इसलिए बिजली उत्पादन क्षमता कम हो जाती है जबकि गर्मी में दिन बड़े होने से उत्पादन क्षमता अधिक होती है |
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