निजी एवं शासकीय अस्पतालों की कोरोना से निपटने संबंधी व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग हेतु समिति गठित

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इंदौर जिले में कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए शासकीय एवं निजी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं, एक माह तक के नवजात शिशु तथा 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए कोविड इलाज की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इन व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण एवं अन्य व्यवस्थाओं के निरीक्षण के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों तथा चिकित्सकों की संयुक्त मॉनीटरिंग समिति का गठन किया है।

इस समिति में विधायक श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ को अध्यक्ष बनाया गया है। अपर कलेक्टर डॉ. अभय अरविंद बेड़ेकर समिति के सचिव रहेंगे। समिति में राज्य स्तरीय कोविड टॉस्क फोर्स के सदस्य डॉ. निशांत खरे, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉ. जितेन्द्र गुप्ता, नर्सिंग होम एसोसिएशन के डॉ. सुरेश वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या सदस्य रहेंगे |

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कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए इंदौर जिले के सभी शासकीय एवं निजी अस्पतालों में कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं, क नेजा अ नवजात शिशु / 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों का समुचित इलाज, ऑपरेशन आदि की व्यवस्थाएं की जा रही है। जिले में 40 से अधिक चयनित निजी अस्पतालों में भी उक्त श्रेणी के मरीजों के लिए बिस्तरों एवं सुविधाओं का   वर्गीकरण किया जाकर अस्पतालों को सूचना दी गई है। इन शासकीय एवं निजी अस्पताल के संचालक गणों एवं प्रतिनिधियों, जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्यों के साथ विभिन्न चरणों में बैठक की जा चुकी है। जिला क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्यों की सहमति से इन्दौर जिले के श्रेणी के मरीजों के लिए व्यवस्थाएं, अस्पताल प्रबंधन, मापदंडों के अनुसार सुनिश्चित कराने के संबंध में नियमित मॉनिटरिंग हेतु समिति गठित की गई है जो मॉनिटरिंग कर सकेगी।

शासकीय एवं निजी अस्पतालों के जिम्मेदार संचालकों को पर्यवेक्षण हेतु बैठकों में बुला सकेगी तथा समिति अस्पतालों का निरीक्षण भी कर सकेंगी ताकि गर्भवती महिलाओं / नवजात शिशु /14 वर्ष तक के बच्चों के कोविड इलाज की व्यवस्थाएं मापदंडों के अनुरूप है कि नहीं, यह देख सकें। समिति अन्य चिकित्सकों का एक दल गठित कर उनकी मदद, इन अस्पताल संचालकों को आवश्यक मार्गदर्शन देने में ले सकेंगी। समिति इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कोविड टास्क फोर्स से भी आवश्यक सहयोग ले सकेगी। यह आदेश द एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 एवं नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अंतर्गत जारी किया गया है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।